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मिस रॉन्ग नंबर - 17
#रॉन्गनंबर

~~~~ पार्ट 17 ~~~~

(जीत फोन आए लड़की की मदद के लिए निकलता है~~~~)

आखरी पल~~~~
फिर मैंने छूटने के दूसरे उपायों पर विचार किया....! हां... !! मुझे किसी को मदद के लिए बुलाना चाहिए था... पर यहां इस सुनसान घर में कोई आता हो... ऐसी कोई आशंका भी नही कर सकते... तो बस.... दिमाग ने कहा कि मैने किसी को फोन करके मदद मांगना चाहिए...!!! ...फोन...??? पर फोन और बैग हाथापाई में कहीं गिर गया था... उसे ढूंढना मुमकिन न था...!! फिर अचानक याद आया की मैं अपने स्मार्टवॉच से कॉल कर सकती हूं ...!

अब आगे~~~~

पर किसे बुलाती?? मेरे कलिग्ज अब तक पहुंचे नहीं थे ... मतलब साफ है की वे दोनों ही शायद किसी मुसीबत में फंस गए होंगे इसीलिए वो आ नहीं पाए थे... जबकि ऐसा आजतक कभी हुआ नही था.... मतलब उनको बुलाना भी मुश्किल था, या.. सही नहीं था... ! और मेरे पास इतना वक्त भी नहीं था की किसी का चुनाव करने में वक्त गवाऊं.... तुम्हे बुलाना यही मेरा पहला और अंतिम विकल्प था... जब की मन कह रहा था... तुम्हे बुलाना नही चाहिए.. ! पर तुम्हारा ही फोन नंबर.. कॉल लिस्ट में ऊपर था...!

बाहर से मुझे किसी की आहट होने लगी.. जैसे कोई सीढियां चढ़ कर ऊपर आ रहा हो...
इसका मतलब... घर का जो तल हमें जमीनी तल लग रहा था, उसके नीचे अर्थात तलघर में भी कमरे बने थे..! उसके आने की आहट से मैं सजग हो गई"

"सो.. तुरंत तुम्हे ही कॉल किया और तुमसे धीमी आवाज में मदद मांगी..! लेकिन तब तक वह दरवाजे तक पहुंच चुका था... , सो... मैं फिर से बेहोश होने का नाटक करते हुए लेटी रही ताकि मैं उसकी हलचलों पर नजर बनाएं रखूं...!"
वह वापस लौटा... उसके एक हांथ में एक थाली उसमें कुछ सामान... और दूसरे हांथ में.... वो कपड़े की गुड़ियां, तथा मेरा बैग था, जो वो खुद उठा कर लाया था ।


( क्रमशः ~~~~ )

(आगे की कहानी की प्रतीक्षा करिए... अगले अंक में हम फिर जल्द ही मिलेंगे आगे क्या हुआ जानने के लिए...)
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© Devideep3612