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my friends story real
मैं आज आप लोगों को एक सच्ची घटना के बारे में बताएं जा रही हूं यह दुखदाई घटना मेरे दोस्तों के साथ हुई थी (12अगस्त2017)तारीख की वो रात बहुत ही दुखदाई साबित हुई हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला पद् उपमंडल कोटरोपी नामक स्थान पर एक दुग्ध हादसा हुआ रात के 12:30 बजे इस दुखद हादसा का शिकार मेरे दोस्त भी हुए यह हादसा कोटरोपी नामक स्थान पर पहाड़ गिरने से हुआ इस हादसे का शिकार मनाली से कोठरी जा रही 2 एचआरटीसी की बसें एक स्थानीय गाड़ी जो जम्मू जा रही थी तथा एक बाइक हुई और जो एचआरटीसी की दो बसें थी उस पर एक बस पर मेरे दोस्त भी थे और इस घटना की खबर हमें सुबह 6:30 बजे करीब पता चली मुझे आज भी याद है उस दिन बहुत ज्यादा बारिश हो रही थी बरसात का मौसम था हमें 3 दिन की छुट्टियां मिली थी कुछ बच्चे घर गए और कुछ बच्चे हॉस्टल में ठहरे थे और मेरी एक दोस्त जोगिंदर नगर की थी और उसके घर में जागरण था उस रात और मेरे दोस्त उसके घर जा रहे थे वह सब करीबन 5:30 बजे शिमला से निकली वह लोग पांच थे और उनमें से एक मंडी उतरने वाली थी और उन्होंने कोटली बस मंडी से पकड़ी उन्हें उस दिन उनके साथ बुरी घटना होने वाली है उसका आभास कुछ-कुछ हो रहा था उस बस में करीबन 12 लोग थे और वह बस जब कोटरोपी नामक स्थान पर पहुंची तो और बस अचानक रुक गई उन्हें लगा कि आगे रास्ता खराब है जिस कारण से बस आगे नहीं बढ़ रही है तब उत कंडक्टर और ड्राइवर उतरे उतर कर भागने लगे उस समय उन्हें कुछ भी समझ नहींआ रहा था उनके साथ क्या हो रहा था सीट नंबर 1 और 2 और 4 और 5 पर बैठे हुए थे अचानक ही उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया उन्हें ऐसा प्रतीत होता की एक धूल की चादर ने घेर दिया है उनका शरीर सुन पड़ गया था जब उन्होंने जब आंखें खोली तो बस का कुछ भी नहीं बचा हुआ था बस पलट चुकी थी और फ्रंट सीट होने की वजह से वह लोग बच गए थे और जो पीछे बैठे लोग थे वह सारे मर गए मेरे दोस्तों को भी काफी गंभीर चोटें आई हुई थी कुछ बस में कोई भी नहीं बच पाया शिवाय वाय वाय मेरे चार दोस्तों के उनमें से एक दोस्त ने हिम्मत दिखाई और बाहर बस से ड्राइवर साइड खिड़की से निकली और उन 2दोस्तों को बचाया उनमें से एक दोस्त अंदर ही रह गई थी वह बाहर निकलने में असमर्थ थी ऊपर से पहाड़ का मलवा लगातार आ रहा था ओरो तीन दोस्तों को कह रही थी मुझे बचाओ मुझे बताओ मेरे दोस्तों ने बचे हुए दोस्तों से काफी लोगों से मदद मांगी मगर सारे मुंह मोड़ कर चले गए उनका कहना था कि दो-तीन गाड़ियां आई और उन्हें मदद मांगी और वह गाड़ियां वापिस मूड गई कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा था सब खून से लथपथ थी तभी वहां स्थानीय लोग आए उनकी मदद से मेरी जो दबी हुई दोस्ती उसे बचाया गया कैसा मंजर रहा होगा उस वक्त यह दर्दनाक हादसा उनके साथ हुआ104 लोग इस हादसे की शिकार हुए उसके बाद उन सबको मंडी हॉस्पिटल लाया गया और मंडी से शिमला आईजीएमसी हॉस्पिटल रिफर किया गया उससे मेरी फ्रेंड के पैरों में गंभीर चोटें आई और वह अभी तक चलने में कुछ तरह से असमर्थ है मगर भगवान की कृपा से उन्हें इतनी गंभीर चोटें नहीं आई मगर उस हादसे में उन लोगों के सिवाय बस में सब मारे गए