...

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ये दिल अब भी बस तेरा है।
चेहरे पर मुस्कान मेरे , खामोशियां दिल में छुपी हुई।
कई उलझी सी गुत्थियां अब , दिल में मेरे दबी हुई।
सवाल हजारों हैं लेकिन , जवाब कहीं मौन है।
ना जानू मेरे ही अंदर दूसरा ये कौन है।
किससे पूछें क्या पुछें कैसे पूछें आखिर?
कब क्यूं और कौन छल गया और भला किसके खातिर?
आखिर किस बात की कमी है?
इस कदर क्यों धड़कनें थमी है?
क्यों मन हताश है किसकी तलाश है ?वही जिसके आने की कोई न अब आस है।
क्यों अब भी मन तुझको ही ढूंढे माही?
कबतक दिल ये मेरा तड़पेगा माही?
आंखों से जो दिखता है, काश गलत हो जाए!
तू एक बार आ कर तो देख, बाकी सब बेमतलब हो जाए।
आ जा कहीं से वापस, कह दे तू बस मेरा है।
देख जरा इन आंखों में, ये दिल अब भी बस तेरा है।।



@rchn@

© sweetestsweetu