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वो घटना...😱 भाग-5
डर की दहशत चारों तरफ फैल चुकी थी और उसकी प्रेतात्मा ने हमारे गांव से लेकर आस पास के गांव में अपनी डरावनी परिक्रियाओं से सबको भयभीत कर दिया था और आए दिन कुछ ना कुछ अनहोनी होते होते रह जाती। एक दिन मैं और मेरा बचपन का दोस्त दोनों ही बाज़ार गए हुए थे उस वक्त वहां मेला लगा हुआ था काफ़ी सालों बाद आया गांव तो सोचा कि आज दोस्त के मेले में घुमा जाए और फिर हम दोनों चल पड़े।दिन भर घूमना फिरना चाट पकौड़ी जलेबी खाना हमने ढेर सारी मस्ती की और इस चक्कर में हम सब कुछ भूल गए और हमें वक्त का बिल्कुल भी पता नही चला और अब घर जाने के लिए देर हो रही थी और भीड़ होने की वजह से गाडियां भी नही जा पा रही थी। एकाएक मुझे हमारे पड़ोसी गांव के एक लड़के की गाड़ी आते दिखाई दी और उसने खुद ही पूछा कि आप लोगों को चलना है या आज यहीं रुक रहे हो, मगर हमने कहा कि हमें चलना है और अब देर भी हो रही है फिर हम दोनों बैठ गए। पता नहीं क्यों वो उस दिन पूरे गांव तक नही गया और उसने हमें एक यात्री शेड के पास उतार दिया और कहा कि आप दोनों यहीं उतर जाओ मुझे कुछ ज़रूरी काम से वापस बाज़ार जाना पड़ेगा। और वो हमें उतारकर चला गया।कुछ ही दूरी पर मेरे दोस्त का घर था वो मुझे बाय कल फिर मिलेंगे बोलकर चला गया और अब सिर्फ़ मैं था अकेले इस सुनसान सड़कों पर। जिसमें मेरे कदमों की आवाज़ बहुत तेज़ी से सुनाई दे रही थी और अपनी सांस की आवाज़ मैं भली भांति सुन पा रहा था। मैं तेज़ तेज़ कदमों के साथ आगे बढ़ता गया, और अभी भी मैं अपने गांव से 2.5 km दूर था। कुछ दूर चलने पर अचानक से मुझे आभास हुआ कि कोई मेरे पीछे पीछे चल रहा है, जैसे ही मैं रुकता वो भी रुक जाता। डर के मारे मैं कोई गीत गुनगुनाने लगा और हंसकर खुद से ही बातें करने लगा ताकि मुझे डर कम लगे। फिर अचानक से कोई मेरे कान के पास आकर हांपने लगा और फूंक मारने लगा।
शेष कहानी अगले भाग में....
© विकास - Eternal Soul✍️
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