अध्याय 4: एकाकी भीड़
अमित अपनी सोशल मीडिया लत से कम-कम बाहर निकल रहा था। साथ ही उसका जीवन भी धीरे-धीरे सुधर रहा था। पर एक बात अमित को अभी भी परेशान कर रही थी- वह हमेशा अकेला महसूस करता था।
इस बात पर सोचते हुए अमित ने पहली बार स्वीकार किया कि सोशल मीडिया ने उसके वास्तविक रिश्तों को काफी नुकसान पहुंचाया है। वह हमेशा अपने फ़ोन में डूबा रहता था, इसलिए दोस्तों से समय नहीं बिता सकता था।
अमित की नज़र में उसके अधिकतर दोस्त भी अब बदल चुके थे। कुछ दूर हो चुके थे तो कुछ अब केवल ऑनलाइन ही दिखाई देते थे। कोई उसके साथ मिलने का समय नहीं निकालता था।
एक शाम अमित घर पर अकेला बैठा था। इसी बीच उसने अपने मोबाइल को देखा तो पांच सौ से भी ज्यादा नोटिफिकेशन थे। लेकिन इनमें से कुछ भी...