सोच
दोस्तों, हम जीवन को मनमोहक, मनोरंजित करने के लिए , उद्देशित करते हैं। मतलब जीवन में
उत्साहित रहने के लिए, हम अपने जीवन को किसी उद्देश्य से बांध लेते हैं, और फिर उसे पूरा करने में अपना जीवन समय खर्च करते हैं।
इससे हमारे जीवन को एक लक्ष्य प्राप्त होता हैं.. और यही वो खास बात है, जो हमें इस दुनिया में और जीवों से अलग बनाती है।
हम भुल जाते हैं कि हम भी एक जीव है दूसरे जीवों की तरह, हम भी इसी प्रकृति का एक हिस्सा है दूसरे जीवों की तरह ... यही हम गलती कर बैठते हैं, और सोच जैसे दुर्लभ शक्ति का इस्तेमाल करने के बावजूद भी इंसान और जीवों की तरह आपस में ही लड़कर खुद के साथ साथ प्रकृति को भी नष्ट कर रहा है।
इंसान भलि भांति इस बात को समझता है...
उत्साहित रहने के लिए, हम अपने जीवन को किसी उद्देश्य से बांध लेते हैं, और फिर उसे पूरा करने में अपना जीवन समय खर्च करते हैं।
इससे हमारे जीवन को एक लक्ष्य प्राप्त होता हैं.. और यही वो खास बात है, जो हमें इस दुनिया में और जीवों से अलग बनाती है।
हम भुल जाते हैं कि हम भी एक जीव है दूसरे जीवों की तरह, हम भी इसी प्रकृति का एक हिस्सा है दूसरे जीवों की तरह ... यही हम गलती कर बैठते हैं, और सोच जैसे दुर्लभ शक्ति का इस्तेमाल करने के बावजूद भी इंसान और जीवों की तरह आपस में ही लड़कर खुद के साथ साथ प्रकृति को भी नष्ट कर रहा है।
इंसान भलि भांति इस बात को समझता है...