उसका कॉल
आज की सुबह भी वैसी ही थी जैसे पहले हुआ करती थी । योगा , स्नान , पूजा , नाश्ता और ऑफिस के लिए लेट 😕😕😕 मेरा रोज का यही था 😀😀😀 लेकिन आज कुछ बदला था तो सिर्फ ये की मुझे सुबह से एक कॉल आ रहे थे लेकिन रिसीव करते ही कॉल कट कर दिया जाता था ।
करीब दस बार ऐसा हो चुका था लेकिन बस अब ये मेरे बर्दाश्त की सीमा से बाहर था । मै पहले से ही मूड बना ली थी कि जैसे ही पहली रिंग होगी फोन रिसीव करना है और उसको इतनी फटकार लगानी है कि वो आगे से किसी को परेशान करने से पहले सौ बार सोचेगा ।
ऐसा सोच कर मै ऑफिस के लिए तैयार होने चली गई...
करीब दस बार ऐसा हो चुका था लेकिन बस अब ये मेरे बर्दाश्त की सीमा से बाहर था । मै पहले से ही मूड बना ली थी कि जैसे ही पहली रिंग होगी फोन रिसीव करना है और उसको इतनी फटकार लगानी है कि वो आगे से किसी को परेशान करने से पहले सौ बार सोचेगा ।
ऐसा सोच कर मै ऑफिस के लिए तैयार होने चली गई...