...

3 views

Zindagi Ek Paheli Part 1
उम्र के इस पड़ाव पर आकर मैंने कभी सोचा नहीं था मेरे साथ ऐसा होगा। जिस उम्र में लोग अपने घरों में रहना पसंद करते है उस पड़ाव पर आकर मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई थी।
कहते है ना इन्सान जीतने भी हाथ पैर मारले होता वही है जो God को मंजूर होता है। मैंने तो अपनी जिंदगी पहले ही God के हाथों में रख दी थी।
मेरी जिंदगी में खुशियां का कारण मेरी बच्ची जूली थी।हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे लेकिन मेरी जिंदगी ने आज फिर मेरा पास्ट लाइफ मेरे आगे रख दिया। वो जिसे मैंने भुलाने को अरसे बीता दिऐ आज वो फिर मेरे सामने था। पहले उसे देखकर खुशी होती थी लेकिन आज पहली बार अफसोस हो रहा था। मेरी आंखों से पानी रूक नहीं रहा था। लग रहा था कि वो मेरी लाइफ स्पॉइल करने आया था।
समज नहीं आ रहा था क्या करें क्या नहीं बस इतना जानते थे कि इस आदमी को अपनी बच्ची के पास भी नहीं आने देंगे।
अगर वो पैरों पर गिर कर भी सौरी बोलेगा उसे माफ़ी ना देने का मैंने फैसला कर लिया था। उसने जो मेरे साथ किया था मैं कभी नहीं भुला पाईं। मैं उसे अब ओन्ली नफ़रत करती हूं और ये नफ़रत मेरे God के पास जाने के बाद भी खत्म नहीं होगी।
उसे देखकर सारी पुरानी बातें याद आने लगी।जिनको मैं भुलाना अच्छा समझती थी। लेकिन आज वो याद आ रही थी।
मेरा घर मेरी फेमिली, दोस्त सब आंखों के आगे आ रहा था।गोआ मेरा घर , एक छोटे से घर में हम सब बहुत खुश थे। हम सब में छोटे छोटे झगड़े होते रहते थे। लेकिन सब मुझे बहुत प्यार करते थे करते भी क्यों ना सब से छोटी थी मैं। पूरी फेमिली की सांसें बस्ती थी मुझमें। मुझे जो पसंद होता मेरे बोलने से पहले मेरे सामने होता था। मेरे भाई तो मुझ पर जान छिड़कते थे। वो जितना मुझे प्यार करते थे उतना ही मेरे लिए पोजेसिव थे लेकिन उन्होंने कभी अपनी पजेसिवनेस को हमारे प्यार और मेर सपनों के दरमियान नहीं आने दिया था।
मैं हमेशा से ही मुंबई में पढ़ाई करना चाहती थी। जैसे ही मैंने अपनी बेचलर पास आउट की मास्टर्स डिग्री के लिए मैंने मुंबई स्कूल ओफ आर्ट्स में अप्लाई किया और मुझे यकीन हुआ कि मुझे स्कॉलरशिप मिल गई थी। मैं उस दिन बहुत खुश थी। पापा ने एक छोटी सी पार्टी दी मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था।दो दिन बाद मेरी मुंबई की फ्लाइट थी। पापा ने मेरे लिऐ मुंबई रहने का इंतजाम भी कर दिया था।दो दिन मैंने अपनी शॉपिंग में लगा दिऐ।कब टाइम था मेरी फ्लाइट का। सब बहुत इमोशनल हो रही थी पहली बार जा रही थी ना मैं उनसे। मैं भी थोड़ी इमोशनल हो गई थी लेकिन उससे भी ज्यादा मुझे अपने सपने की तरफ जाने की  खुशी थी। लेकिन मुझे क्या पता था कि जिस मुंबई में जाने का सपना मैंने इतने सालों से देखा था वहीं मेरी लाइफ बर्बाद कर देगा।


© Miss Freedom