" फ़िर नहीं मिलना तुमसे "
सालों बाद मिलना चाहते हो, छोड़ा हुआ हाथ देखना चाहते हो
मेरी ढलती उम्र देख ख़ुद के फ़ैसले पर गुमां करना चाहते हो,
ये कैसी चाह है जो इतने सालों बाद क्यों पूरी करना चाहते हो
फ़ासले और बढ़ते रहें ज़िंदगी में, क्यों फ़िर पास आना चाहते हो
नहीं चाहिए पुरानी यादें फ़िर से ज़िंदा, बेहद असहनीय...
मेरी ढलती उम्र देख ख़ुद के फ़ैसले पर गुमां करना चाहते हो,
ये कैसी चाह है जो इतने सालों बाद क्यों पूरी करना चाहते हो
फ़ासले और बढ़ते रहें ज़िंदगी में, क्यों फ़िर पास आना चाहते हो
नहीं चाहिए पुरानी यादें फ़िर से ज़िंदा, बेहद असहनीय...