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..ताकि वह लिख सकें भविष्य की तहरीर
आज आपका कोर्स पूरा हुआ ! परीक्षा का थोड़ा समय और बचा है ,आप सभी को इस समय का सदुपयोग करना है ।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए नियमित पढ़ाई करेंगे तो
अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होना तय है ।
(शिक्षक कक्षा में छात्रों को पढ़ाई और नियमितता तथा
अधिक अंक प्राप्त कैसे करें आदि विषयों को समझा रहे थे )
उन्होंने पूछा कि किसी भी छात्र को पढ़ाई सम्बन्धी कोई
कठिनाई हो तो अपने विषय शिक्षक से बेझिझक पूछ सकते हैं ।)
तभी शिक्षक की नज़र गोविन्द पर पड़ी जो शरीर से थका थका सा और ऑंखों ,चेहरे से बोझिल,सुस्त दिखाई दे रहा था ,
उन्होंने पूछा क्या बात है कोई समस्या है इतने दिनों से विद्यालय भी नहीं आ रहे थे और इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा है ,कक्षा 10 की त्रैमासिक ,अर्द्धवार्षिक ,अभ्यास प्रश्नपत्र परीक्षा जो कि चार सेट में हुई हैँ उसमें भी अनुपस्थित रहे हो ,कहो क्या बात है ?
कैसे करोगे तैयारी परीक्षा की ,क्या लिखोगे प्रश्नपत्र में ! क्या घर पर स्वाध्यायी रहकर पढ़ रहे हो बताओं गोविन्द ?

गोविन्द बोला जी ,नहीं सर !
मेरे पिताजी और माताजी दोनों विकलांग है ,
उनसे अब काम होता नहीं ,अपंगता के कारण गाँव में छोटा मोटा काम कर लेते थे पर लॉक डाउन के बाद हालत बहुत खराब है मजदूरी भी नियमित नहीं मिलती और घर परिवार का खर्च भी बड़ी मुश्किल से चलता है आय का कोई अन्य स्त्रोत नहीं है इसलिए मुझे काम पर जाना पड़ता है !
मेरे भाई बहनों का विद्यालय नहीं बिगड़े इसलिए अपना नुकसान सहकर भी उन्हें पढ़ाना चाहता हूँ ।

मुझे याद तो कुछ नहीं है अगर आप कहें तो प्रायोगिक परीक्षा में बैठ जाऊँ ,और थोड़ी बहुत तैयारी कर मार्च माह में होने वाली वार्षिक परीक्षा में भी बैठ जाऊँगा वरना साल बिगड़ना तय है ।
उसकी करूण कहानी सुनकर तथा संघर्ष ,त्याग भाव को देख शिक्षक भी द्रवित हो उठे उन्होंने उसका हौसला बढ़ाते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी एवं स्टॉफ के साथियों से
चर्चा कर उसकी हर संभव सहायता की बात कही ।

छात्र किराने की दुकान पर जहाँ कार्य करता था उसके मालिक से फोन कर कहा कि उसको पढ़ाई के लिए अतिरिक्त समय देने की जरूरत है ,
कृपया आप सहयोग करें । विद्यालय परिवार के अनुरोध पर
छात्र को पढ़ने के लिए मालिक राजी हुआ ,स्टॉफ का भी
भरपूर सहयोग मिल रहा है देखिए परिणाम क्या होता है
ये तो समय की बात है पर छात्र ख़ुश है उसे अपेक्षित वातावरण ,सहयोग जो मिल गया है ।वह बेखौफ ,निश्चिन्त हो पढ़ जो रहा है मंजिल उसे मिले दुआ है कि लिख सके वह भी अपने भविष्य की उज्ज्वल तहरीर !!
© MaheshKumar Sharma
19/2/2023
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