भूमिका तेरी कहानी 2
भूमिका के जीवन का एक और अध्य्याय
आपके समक्ष है
भूमिका कहती हुई पति से मैं आपसे आजतक कभी कुछ नहीं मांगी
न कभी आपसे किसी भी चीज़ के लिए जिद की
हमारी शादी love marrige है
हम दोनों का प्यार शादी से पहले भी था
लेकिन अब आप मुझे अच्छे से प्यार से बात भी नही कर पाते
फिर भी मैं आपसे शिकायत नहीं करती
बस आपकी खुशी के लिए
अपनी तकलीफ मन मे ही दबा लेती हूँ
कभी मां के तस्वीर के सामने खुद की शिकायत करती हूँ
की माँ मैं क्या अच्छी बेटी से अच्छी पत्नी नही बन सकी
माँ भी तो मुझे कुछ जवाब नही देती न
पति बस ये कहकर की तू ज्यादा सोंचती है जा अपना कर कह कर चले जाते हैं
भूमिका फिर निःशब्द होकर बैठ जाती है
लेकिन कभी...
आपके समक्ष है
भूमिका कहती हुई पति से मैं आपसे आजतक कभी कुछ नहीं मांगी
न कभी आपसे किसी भी चीज़ के लिए जिद की
हमारी शादी love marrige है
हम दोनों का प्यार शादी से पहले भी था
लेकिन अब आप मुझे अच्छे से प्यार से बात भी नही कर पाते
फिर भी मैं आपसे शिकायत नहीं करती
बस आपकी खुशी के लिए
अपनी तकलीफ मन मे ही दबा लेती हूँ
कभी मां के तस्वीर के सामने खुद की शिकायत करती हूँ
की माँ मैं क्या अच्छी बेटी से अच्छी पत्नी नही बन सकी
माँ भी तो मुझे कुछ जवाब नही देती न
पति बस ये कहकर की तू ज्यादा सोंचती है जा अपना कर कह कर चले जाते हैं
भूमिका फिर निःशब्द होकर बैठ जाती है
लेकिन कभी...