महाकाल की नगरी
let's explore together
महाकाल की नगरी
on December 21, 2024
सोचिये, भोर चार बजे समय, आप एक मदिर के सामने खड़े है, घंटियों की मधुर आवाज़, और गूँज एक नाम की
एक ऐसा नाम, जिसका न कोई आदि है, न ही कोई अंत, एक ऐसा नाम जो हर दुःख, दर्द और पीड़ा को हर लेता है, एक ऐसा नाम जिसके नाम मात्र से काल भी काँप उठता हो, आप खड़े है, उज्जैन के राजा के दर पर, महाकाल के दर...
महाकाल की नगरी
on December 21, 2024
सोचिये, भोर चार बजे समय, आप एक मदिर के सामने खड़े है, घंटियों की मधुर आवाज़, और गूँज एक नाम की
एक ऐसा नाम, जिसका न कोई आदि है, न ही कोई अंत, एक ऐसा नाम जो हर दुःख, दर्द और पीड़ा को हर लेता है, एक ऐसा नाम जिसके नाम मात्र से काल भी काँप उठता हो, आप खड़े है, उज्जैन के राजा के दर पर, महाकाल के दर...