क़यामत... लड़के की पुकार...
First Part :-
“कभी कभी बहुत प्यार बहुत ग़म दे सकता है।
दो हद से ज्यादा प्यार करने वालों की कश्मकश...”
‘मैं तो मरा उस दिन जब मेरी मौत लिखी थी खुदा ने,
तुम ने मेरे ग़म में क्यों खुदको अपना कातिल बना दिया,
मुझे तो क़फ़न मिला लेकिन,
तुम ऐसे ही गड्डा खोद, दफ़न...
“कभी कभी बहुत प्यार बहुत ग़म दे सकता है।
दो हद से ज्यादा प्यार करने वालों की कश्मकश...”
‘मैं तो मरा उस दिन जब मेरी मौत लिखी थी खुदा ने,
तुम ने मेरे ग़म में क्यों खुदको अपना कातिल बना दिया,
मुझे तो क़फ़न मिला लेकिन,
तुम ऐसे ही गड्डा खोद, दफ़न...