Beti : Beti ka sapna
एक गांव में एक परिवार रहता था। जिसमें केवट नाथ मिश्रा नाम का एक व्यक्ति रहता था। जो आयात - निर्यात का कार्य करता था। उसके अपने ट्रक थे। उसके साथ उसकी पत्नी बिंदु और उसकी एक 7 साल की छोटी बेटी भी थी। जिसका नाम पीहू था।
केवट नाथ सोचता था कि उसकी बेटी टीचर बने क्योंकि केवट नाथ का सपना था कि वह एक टीचर बनेगा लेकिन बन नहीं पाया। केवट नाथ ट्रक चलाता था। जिसको चला कर वह सम्मान महसूस नहीं करता था। जिसके कारण वह सोचता था। काश में टीचर होता तो कितना सम्मान पा रहा होता।
पीहू अभी छोटी थी। जिसमें कई सारी खूबियां थी। पीहू को एक्टिंग का बहुत शौक था वह अक्सर टीवी में सीरियल देख कर एक्टिंग किया करती थी। यह देखकर उसके मां-बाप उससे बहुत परेशान रहा करते थे। उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था जब वह टीवी में देख कर एक्टिंग करती थी। उन्हें एक्टिंग से सख्त नफरत थी।
बेटी थोड़ी बड़ी हुई…
अब वह 12 वीं में आ गई थी। उसको एक्टिंग की अच्छी प्रैक्टिस हो गई थी। उसको बहुत शौक था कि वह सीरियल वगैरा में काम करें।
केवट नाथ ने पीहू का एडमिशन एक अच्छे कॉलेज में करा दिया और उसकी कोचिंग क्लासेस भी लगवा दी। केवट नाथ ने उसका एडमिशन करा तो दिया था लेकिन पीहू का बिल्कुल भी मन नहीं था।
पीहू का मन तो एक्टिंग बगैरा में था। उसने यह बात अपने घर पर बताई तो दोनों विरोध में करने लगे। दोनों को पता था कि पीहू को एक्टिंग पसंद है लेकिन दोनों एक्टिंग से बहुत नफरत करते थे। उन्हें लगता था कि यह बहुत खराब चीज है। इसमें कोई सुख नहीं है। एक्टिंग में लोग इस्तेमाल करते हैं एक दूसरे का, एक दूसरे को फंसा देते हैं और लड़कियों के लिए तो यह...
केवट नाथ सोचता था कि उसकी बेटी टीचर बने क्योंकि केवट नाथ का सपना था कि वह एक टीचर बनेगा लेकिन बन नहीं पाया। केवट नाथ ट्रक चलाता था। जिसको चला कर वह सम्मान महसूस नहीं करता था। जिसके कारण वह सोचता था। काश में टीचर होता तो कितना सम्मान पा रहा होता।
पीहू अभी छोटी थी। जिसमें कई सारी खूबियां थी। पीहू को एक्टिंग का बहुत शौक था वह अक्सर टीवी में सीरियल देख कर एक्टिंग किया करती थी। यह देखकर उसके मां-बाप उससे बहुत परेशान रहा करते थे। उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था जब वह टीवी में देख कर एक्टिंग करती थी। उन्हें एक्टिंग से सख्त नफरत थी।
बेटी थोड़ी बड़ी हुई…
अब वह 12 वीं में आ गई थी। उसको एक्टिंग की अच्छी प्रैक्टिस हो गई थी। उसको बहुत शौक था कि वह सीरियल वगैरा में काम करें।
केवट नाथ ने पीहू का एडमिशन एक अच्छे कॉलेज में करा दिया और उसकी कोचिंग क्लासेस भी लगवा दी। केवट नाथ ने उसका एडमिशन करा तो दिया था लेकिन पीहू का बिल्कुल भी मन नहीं था।
पीहू का मन तो एक्टिंग बगैरा में था। उसने यह बात अपने घर पर बताई तो दोनों विरोध में करने लगे। दोनों को पता था कि पीहू को एक्टिंग पसंद है लेकिन दोनों एक्टिंग से बहुत नफरत करते थे। उन्हें लगता था कि यह बहुत खराब चीज है। इसमें कोई सुख नहीं है। एक्टिंग में लोग इस्तेमाल करते हैं एक दूसरे का, एक दूसरे को फंसा देते हैं और लड़कियों के लिए तो यह...