...

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आंखो की चमक


नगद देख कर वो देखते ही रह गया।
जिज्ञा को चिकित्सालय से छुट्टी मिल गई।
बात असल में सरल थी कि जीज्ञा की बीमारी बीमा कंपनी की योजना की सूची में शामिल नहीं थी। जिज्ञा को मानसिक बीमारी थी और उसको कभी भी दोहरा पड सकता था।
उसकी आर्थिक स्तिथि अच्छी नहीं थी,वह एक फ्रीलांस उद्घोषिका के तौर पर कार्यरत थी।

उसके चाचा चाची के साथ ही वह रहती थी।
डॉक्टर को जैसे ही उसकी फिस मिली उसने जिज्ञा को दवाइयां देकर आश्वासन दिया कि चिंता की...