...

13 views

हमारी प्रेम कहानी भाग 1
मेरी रसमलाई .......,
तुझे कितनी खिलाई ......
दे दे रुपया एक - एक का ,वरना
वरना क्या
कर देगा सेठ खींचाई ......
मेरी रसमलाई ......
अरे ओ रसमलाई के जवाई उन्ही को खिलाया जायेगा या किसी ओर को भी खिलाएगा ।
छोड़ के आया , दौड़ के आया
लो जी सेठ इधर आया
अब आ गया तो मेरा मुँह क्या देख रहा है उन भाई जी बैठे कितनी देर हो गई।
जी सेठ ।
इसका ध्यान आजकल ना जाने कहा रहने लगा है कोई भी काम ठिक से नहीं करता।

चाचा ,चाचा
ओ चाचा
क्या चाहिए
काम
क्या ( आश्चर्य से )
क्या काम चाहिए यहाँ तुम्हारे लायक कोई काम नहीं है , दिखने में तो अच्छे खासे पढ़े लिखे दिखते हो । कुछ अच्छा सा काम देखो और मजे करो ।
देखलो चाचा अगर हो सके तो ,
अरे ! कह दिया ना ,अब क्या ढोल बजावाकर कहूँ क्या ?
प्लीज चाचा मैं आपके पैर पकड़ता हूँ मुझे काम की बहुत जरूरत हैं आप अपने हिसाब से कुछ भी दे देना मुझे मंजूर हैं ।
अच्छा एक मिनट रुको ,
हेलो !!
राधे राधे
राधे राधे ,सेठ आप घर पर मिले ही नहीं अपनी आज के दिन मिलने की बात हुई थी।
अरे हां मैं तो...