...

22 views

पर प्रयास किए जा रहा हूं....
जिम्मेदारियों के अहसास में, कर्त्तव्यों के बोध में,
उदर क्षुधा को शांत करने के प्रयास में,
मृत्यु रथ में घोड़े की तरह जुता,
जिंदगी की अंधेरी गलियों में दौड़े जा रहा हूं,

ना जन्मने का उद्देश्य पता ना जिंदगी का कारण,
शायद जीने की विवशता है तो जिए जा रहा हूं,
जो गर मालूम हो किसी को कारण
बतलाना जरूर की बस मैं यूं ही जिए जा रह हूं,

बतलाया था मां ने ये फ्लां देवता है ये फलां है,
बस बतलाई बातों पर उनके अमल किए जा रहा हूं,
शायद उन्हें भी बतलाया हो उनकी मां ने
बस उनकी सिखलाई, दी हुई जिंदगी जिए जा रहा हूं,

गहराई से सोचता हूं तो मृत्यु के सिवा
कुछ भी ना है मैरा की फिर भी मैं जिए जा रहा हूं,
बड़े चाव से जिंदगी के मजे लिए जा रहा हूं,
कि मैं मौत के इंतेजार में जिन्दगी जिये जा रहा हूं.

जो है अटल.. जो हो ना सके किसी हाल में विफल,
उसके ही ख़िलाफ़.. छेड़ जंग घरों में हो बंद,
अदृश्य शक्ति के खिलाफ.. युद्ध लड़े जा रहा हूं,
कर मनोयोग.. पारब्रह्म परमेश्वर को विवश किए जा रहा हूं,
कि उस विराट-अनंत-असीम निराकार स्वरुप को.. साकार करने की कोशिश किए जा रहा हूं..

सकल विश्व जिस कण-कण से निर्मित.. उस शक्ति कि उपासना किए जा रहा हूं..
जानता हूं कि ना होऊंगा सफल.. पर प्रयास किए जा रहा हूं,
कि इस अघोषित युद्ध को.. मैं लड़े जा रहा हूं,
इसको तो कर ही लूंगा पराजित.. इसी विश्वास से लड़े जा रहा हूं..
जिन्दगी को बड़े चाव से जिए जा रहा हूं...
© दी कु पा