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रिया के आंसू
ना जाने ये रात और कितनी दर्द देगी और पापा, पापा आप घर कब आओगे। अपने बड़े से कमरे में अकेली अपने बेड के एक कोने मे अपने दोनों घुटनों को समेटे सीने से लगाए घुटनों पर माथे को टीका कर बैठी रिया यही सब बातें सोच- सोच कर रोई जा रही थी। रिया के पापा जो कि पहले से एक हार्ट के मरीज़ थे उस रात उन्हें बहुत बुरा अटैक आया था। डॉक्टर ने पहले ही ये बात बता दिया था कि उसके पापा ज्यादा दिन तक नहीं जी पाएंगे , इस बात को जानने के बाद रिया पूरी तरह टूट गई थी। रिया बचपन से अकेली बिन माँ की बच्ची थी, जो अपने पापा के साथ पाली बढ़ी, उसके पापा के पास पैसों की कमी नहीं थीं। उसके पापा सेहर के बहुत बड़े और जाने माने बिजनेस मैंन थे। उन्होंने कभी रिया को पैसों की कमी नहीं होने दी और ना ही कभी ये मेहसूस होने दिया कि उसकी माँ नहीं है, दोनों एक दूसरे के लिए जान देते थे। वहीं जब रिया को ये बात मालूम हुयी तो उसने इंडिया से लेकर फॉरेन तक से सभी डॉक्टर से बात की थी लेकिन सभी ने जबाव दे दिया था। हर बीतते दिन के साथ उसका और उसके बड़े भाई का डर बढ़ता जा रहा था कि कल की सुबह उनके पापा उनके के साथ होंगे या नहीं, ये बात सोचते सोचते रात से सुबह से हो जाया करती थी। उस रोज भी हमेशा की तरह सभी ने रात का खाना खत्म कर लिया था, वे सभी अपने सोने चले गए थे तब तक उनका नौकर जोरों से चिल्लाते हुए रिया के भाई अनुज को बुलाता है अनुज अपने बेहोश पापा को हॉस्पिटल ले जाता है। ये सब देख कर रिया बहुत डर जाती है और जैसे तैसे वो अपने कमरे में आ जाती है और कमरे में आते ही फूट-फूटकर रोने लगती है घंटों रोने के बाद वो थक जाती है लेकिन अब भी उसके आंख से आंसू बहे जा रहे थे अब उसके रोने की सिसकियाँ घड़ी की टिक टिक के साथ पूरे कमरे गूँज रही होती है,उस अकेले शांत से कमरे में उसके अलावा कोई भी नहिं था इस वज़ह से ये आवाज साफ़ सुनी जा सकती थी। तभी अचानक से रिया का फोन रिंग करने लगता है उसके स्क्रीन पे भाई लिखा नंबर देख कर रिया जल्दी से फोन उठा लेती है और अपने बहते आंसू को पोंछ कर अपने रोती हुयी आवाज में कहने लगती भाई पापा कैसे है वो ठीक हैं ना, इतना सुन कर अनुज कहता है हाँ पापा ठीक हैं अभी तुम रोना बंद करो सुबह तक हम पापा को लेकर सुबह आ जाएंगे। इससे पहले रिया कुछ बोलती तभी अनुज डॉक्टर बुला रेह हैं इतना कह कर फोन रख देता है, रिया भी फोन रख देती है रिया के आंसू जो रुकने का नाम नहीं के रहे अब जा के कहीं शांत हुए। रिया अपने दोनों हाथों से अपने आंसू को पोछते हुए बगल के टेबल पर रखे पानी का गिलास उठा कर उसमें से पानी पीती है और खुशी से भगवान का धन्यवाद करने लगती है तभी फिर से उसका फोन में मैसेज के आने की आवाज आती है और रोया फोन की ओर देखती है उसके स्क्रीन पर सुनयना का मैसेज था उस मैसेज को देख कर रिया सुन्न पड़ जाती है उसी वक़्त रिया का बजने लगता है सुनयना उसे कॉल कर रही होती थी ...
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