और अगर स्त्री भी कमाने लगे तो.....?
आजकल, व्हाट्सएप पर प्रतिदिन हम लोगों के नाना प्रकार के स्टेट्स देखते हैं, किसी पर क्रिया-प्रतिक्रिया भी करते हैं । ऐसे ही आज का वाक्या था, एक व्हाट्सएप स्टेट्स में, लिखा था ---
"एक पुरुष सुकून से तभी कमा सकता है, जब एक स्त्री घर संभाल लेती है..." ! 😳
प्रथम दृष्टया मुझे यह अजीब लगा, एक हद तक स्त्री-विरोधी भी लगा और अनायास ही स्वाभाविक तौर पर मैंने स्टेट्स पर रिप्लाई भी किया,--
"और अगर स्त्री भी कमाने लगे तो.....??☺️"
मुझे लगा था जवाब कुछ पुरुष-प्रधान समाज की मर्यादाओं का हवाला देता हुआ होगा और 'स्त्री केवल घर ही संभालें तो बेहतर' जैसी कुछेक प्रतिक्रिया ही रहेगी। निसंदेह मैंने यही अपेक्षा रखी थी, परंतु सामने से जो प्रत्युत्तर आया हृदय प्रसन्न हो उठा, जवाब था-- "तो थोड़ा घर पुरूष को भी संभाल लेना चाहिए" 😍 जवाब वाकई काबिले तारीफ था । 👏👏👏
खुशी इस बात की, कि समाज के युवाओं की सोच संभवत बदल रही है, गति धीमी है पर चलायमान है।
हालांकि पुरुषत्व-स्त्रीत्व के मुद्दे पर मैं कोई भाषण या बहस नहीं कर रही, सबका एक सामाजिक स्थान और स्तर है, परंतु किसी युवा का यह जवाब निसंदेह सुकून देने वाला था। 💐
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 10 March, 2021
© All Rights Reserved
"एक पुरुष सुकून से तभी कमा सकता है, जब एक स्त्री घर संभाल लेती है..." ! 😳
प्रथम दृष्टया मुझे यह अजीब लगा, एक हद तक स्त्री-विरोधी भी लगा और अनायास ही स्वाभाविक तौर पर मैंने स्टेट्स पर रिप्लाई भी किया,--
"और अगर स्त्री भी कमाने लगे तो.....??☺️"
मुझे लगा था जवाब कुछ पुरुष-प्रधान समाज की मर्यादाओं का हवाला देता हुआ होगा और 'स्त्री केवल घर ही संभालें तो बेहतर' जैसी कुछेक प्रतिक्रिया ही रहेगी। निसंदेह मैंने यही अपेक्षा रखी थी, परंतु सामने से जो प्रत्युत्तर आया हृदय प्रसन्न हो उठा, जवाब था-- "तो थोड़ा घर पुरूष को भी संभाल लेना चाहिए" 😍 जवाब वाकई काबिले तारीफ था । 👏👏👏
खुशी इस बात की, कि समाज के युवाओं की सोच संभवत बदल रही है, गति धीमी है पर चलायमान है।
हालांकि पुरुषत्व-स्त्रीत्व के मुद्दे पर मैं कोई भाषण या बहस नहीं कर रही, सबका एक सामाजिक स्थान और स्तर है, परंतु किसी युवा का यह जवाब निसंदेह सुकून देने वाला था। 💐
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 10 March, 2021
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