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सूखी पत्तियां
#WritcoStoryPrompt
रेगिस्तान में पेड़ देख उसे अचरज हुआ, उसी ओर को चली गईं सैव्या. थकान से सब भूल गईं थी वो. जून के महीने में रेगिस्तानी इलाकों से प्रयोग के लिए नमूने लेने भेज दिया था उसके शोध सलाहकार ने.
कई बार कहा भी उसने "PhD अगर ऐसी होती है तो वह दूर रहती इससे "खैर जो भी हो अब तो लगभग समाप्ति की ओर है.

सोच मे डूबी हुई, जब वह उस पेड़ के नीचे से गुजरी तो एक गीली पत्ती उसके चेहरे पर लगी, उसकी तन्द्रा भंग हुई और उसे डर् तब ज्यादा लगा जब 20-25पत्तियों वाले पेड़ में लगभग सब पत्तिया सूखी हुई थी.
चेहरे पर गिरी पत्ती को जमीन से उठाया, उसमें अभी भी नमी थी.? सहसा एक चील, उस पेड़ की ओर आई और पेड़ की सूखी पत्तियों में से एक पत्ती नोंचने लगी.
इस आपधापी में सैव्या ने देखा, चील के मुँह से गिरा द्रव्य ही पत्ती में लगा होगा शायद !.

सैव्या को फिर अचरज हुआ कि चील,इस वीरान रेगिस्तान के पेड़ से पत्ता क्यों चुन रही है. उसे भी लगा कि एक पत्ता तोड़ कर वह भी चखे, फिर उसे लगा अगर यह पत्ता जहरीला हुआ तो? फिर उसने सोचा "जहरीला अगर होता तो चील तो मर गईं होती '
सूखी पत्ती भी किस कदर सैव्या को चिंतित कर रही थी उसके मनोभावों से साफ पता लग रहा था.