बिन बुलाए बाराती
पटना से दिल्ली के लिए बस डिपो से बस खुला
यात्री से भरे उस बस में थोड़ा कोलाहल सा भी था
सफर शुरू हो चुकी थी सब अपने-अपने जगह पर बैठ चुके थे।
बस थोड़ी आगे बढ़ी तो एक बूढ़ा व्यक्ति जो अपने बेटी के साथ सफर कर रहे थे वह खड़े हुए और कहने लगे की दोस्तों मैं कोई भिखारी या गरीब नहीं हूं मैं तीन फैक्ट्री का मालिक हूं।
हां यह अलग बात है कि मेरे सारे फैक्ट्री बंद हो चुके हैं और मैं सड़क पर आ चुका हूं। मेरी यह दशा देखकर मेरे घर वालों ने भी मुझे घर से बाहर निकाल दिया और कुछ दिन पहले ही मुझे डॉक्टर ने जवाब दे दिया कि अब तुम कुछ दिन के मेहमान हो और यह मेरी बेटी है जो मेरे साथ है
मुझे बस एक चिंता खाई जा रही है कि मेरे जाने के बाद कहीं मेरी बेटी के...
यात्री से भरे उस बस में थोड़ा कोलाहल सा भी था
सफर शुरू हो चुकी थी सब अपने-अपने जगह पर बैठ चुके थे।
बस थोड़ी आगे बढ़ी तो एक बूढ़ा व्यक्ति जो अपने बेटी के साथ सफर कर रहे थे वह खड़े हुए और कहने लगे की दोस्तों मैं कोई भिखारी या गरीब नहीं हूं मैं तीन फैक्ट्री का मालिक हूं।
हां यह अलग बात है कि मेरे सारे फैक्ट्री बंद हो चुके हैं और मैं सड़क पर आ चुका हूं। मेरी यह दशा देखकर मेरे घर वालों ने भी मुझे घर से बाहर निकाल दिया और कुछ दिन पहले ही मुझे डॉक्टर ने जवाब दे दिया कि अब तुम कुछ दिन के मेहमान हो और यह मेरी बेटी है जो मेरे साथ है
मुझे बस एक चिंता खाई जा रही है कि मेरे जाने के बाद कहीं मेरी बेटी के...