मायके का साथ -01
#WritcoStoryPrompt
Write a short story using at least three from the five pro
मुस्कान रोज़ रोज़ अपने सास ससुर की बातें सुनकर परेशान हो गई थी। जैसे उसके पति के जीवन में हुए नुक्सान के लिए वो जिम्मेदार हो। सास ससुर की बातों को नज़रअंदाज करके अपने कमरे में आकर बैठ गई। उसकी नज़र अचानकर अपनी अलमारी पर पड़ी। जो धूल से मुक्त किताबों की अलमारी बहुत सारे झूठ छिपा सकती है। उसे याद आया जब वो नई नई दुल्हन बनकर अपने ससुराल आई थी। तब उसे पता चला था। की उसका पति शादी नहीं करवाना चाहता था। क्योंकि उसने बिना कारण ही सिर्फ दिखावे के लिए कर्जे ले लिए थे। जिसको मैनेज करते करते हालात बिगड़े हुए थे। उसके पति ने कई जगह हस्ताक्षर करके कर्जे लिए थे। जिसके सबूत उसने किताबों की आड़ में छिपा रखे थे। जिसको खत्म करने के चक्कर में मुस्कान ने अपनी शादी में मिले सारे शगुन (चाहे मायके से मिले थे या ससुराल पक्ष से) पति के कर्जे चुकाने में खत्म हो गए थे।
जब अपनी यादों से मुस्कान बोर हो गई तो अपनी कपड़ो की अलमारी को खाली करने की सोचने लगी। कपड़ों से भरी एक अलमारी जिसमें अभी भी उनके टैग थे। सारे कपडे बाहर निकालकर सलीके से एक एक करके फिर से रख रही थी। की अलमारी के नीचे के खाने में उसकी नज़र पड़ी। वहां एक सूटकेस पड़ा था। यादों से भरा एक खाली सूटकेस। मुस्कान ने उस सूटकेस को बाहर निकला। उसे याद आया की उसकी शादी के लिए उसका भाई लवली खास तौर से बनवाकर लाया था। लवली अपनी बहिन से बहुत प्यार करता था। उस पर अपनी जान छिड़कता था। उसके लिए माँ-बाप से भी लड़ जाता था। उसको कुंवारे रहते किसी चीज की कमी नहीं आने देता था। जब उसकी शादी हुई थी तो एक कोने में छिपकर बहुत रोया था। अब शादी के बाद वही भाई एक फ़ोन तक नहीं करता। अब जब उसका जन्मदिन आने वाला है तो भी एक फ़ोन करके भी नहीं पूछा की कब घर वापिस आ रही हो ? मुस्कान अपनी ही ख्यालो में गुम थी। की नीचे से उसकी सास की आवाज़ आई, बहु तुम्हारे मायके से तुम्हारे बाबूजी ने कार भेजी है। तुम्हारे जन्मदिन के दिन के लिए। मुस्कान के चेहरे पर मायके के नाम से ख़ुशी आ गई। नीचे पहुंची तो रामु काका चाय पी रहे थे। रामु काका तब से उसके पापा के ड्राइवर थे। जब से उसके पापा ने पुरानी कार से अलग अलग शहर में काम के सिलसिले से जाया करते थे। मुस्कान को मायके जाने के लिए इजाजत मिल गई। वो अपना सूटकेस तैयार करके नीचे आ गई और सास ससुर को प्रणाम करके मायके के लिए रवाना हो गई। रास्ते में उसे पता चला की उसका भाई अमेरिका से पढ़ाई करके यहाँ अपने पापा के साथ काम संभालने लगा है। अभी उसको आए महीना ही हुया था। रास्ते में रामु काका बता रहे थे की लवली ने अपने पिता जी को अब काम करने से मना कर दिया है। और खुद काम पर जाने लगा है। बाहर से आते ही सबसे पहले उसने तुम्हारे बारे में पूछा था। और सभी दोस्तों से भी मिलने गया था। रामु काका मुस्कान को एक फैक्ट्री में भी ले जाते है। और बताते है। की लवली ने एक चलती हुई फैक्ट्री खरीद ली है। और उसमें उसको सुपरवाइजर बना दिया है। रामु काका मुस्कान को फैक्ट्री के एक कमरे में ले जाते है। यहां पर मुस्कान के पति के दोस्त काम कर रहे थे। रामु काका बताते है। की लवली बाबा ने यह सोच रखा है की आपके पति को उसके दोस्त बुलाकर यहाँ काम पर लगवायेगे और एक साल के अंदर ही उसे तरक्की देकर यहाँ का मैनेजर बनाने की सोच रहे है। ऐसा सुनकर मुस्कान की आँखों में आंसू आ जाते है। वो सोचने लगती है। की वो अपने भाई को कितना गलत समझी थी। जबकि उसके भाई ने कितनी प्लानिंग कर राखी है की उसके पति को काम भी मिल जाये और उसके सम्मान को ठेस भी न पहुंचे।
दूसरी तरफ उसके मायके में पिता जी जोर से चिल्लाते हैं ।
लवली दौड़कर आता है पूछता है... क्या बात है पिता जी ?
पिता जी- तूझे पता नहीं है आज तेरी बहन मुस्कान आ रही है ? वह इस बार हम सभी के साथ अपना जन्मदिन मनायेगी! अब जल्दी से जा और अपनी बहन को लेके आ।
हाँ और सुन, तू अपनी नई गाड़ी ले के जा जो तूने कल खरीदी है। उसे अच्छा लगेगा।लवली : - लेकिन मेरी गाड़ी तो मेरा दोस्त ले गया है सुबह ही... और आपकी गाड़ी भी ड्राइवर ये कह के ले गया की गाड़ी की ब्रेक चेक करवानी है।
पिता जी - ठीक है तो तू स्टेशन तो जा किसी की गाड़ी या किराया की करके ? उसे बहुत खुशी मिलेगी ।
लवली : - अरे वह बच्ची है क्या जो आ नहीं सकेगी ? आ जायेगी आप चिंता क्यों करते हो किसी टैक्सी या आटो लेकर।
पिता जी - तूझे शर्म नहीं आती ऐसा बोलते हुए ? घर में दो दो गाडी़या होते हुए भी घर की बेटी किसी टैक्सी या आटो से आयेगी ?
लवली : - ठीक है आप जाओ मुझे बहुत काम है मैं जा नहीं सकता।
पिता जी - तूझे अपनी बहन की थोड़ी भी फिकर नहीं ? शादी हो गई तो क्या बहन पराया हो गई क्या उसे हम सबका प्यार पाने का हक नहीं ?
तेरा जितना अधिकार है इस घर में उतना ही तेरी बहन का भी है। कोई भी बेटी या बहन मायके छोड़ने के बाद, वह पराया नहीं होती।
लवली : - मगर मेरे लिए वह पराया हो चुकी है और इस घर पे सिर्फ मेरा अधिकार है।
तडाक !! अचानक पिता जी का हाथ उठ जाता है लवली पर और तभी माँ भी आ जाती है। मम्मी - आप कुछ शरम तो कीजिये ! ऐसे जवान बेटे पर हाँथ बिलकुल नहीं उठाते।
पिता जी - तुमने सुना नहीं इसने क्या कहा ? अपनी बहन को पराया कहता है ये वही बहन है जो इससे एक पल भी जुदा नहीं होती थी हर पल इसका ख्याल रखती थी।
पाकेट मनी से भी बचाकर इसके लिए कुछ न कुछ खरीद देती थी। बिदाई के वक्त भी हमसे ज्यादा अपने भाई से गले लगकर रोई थी। और ये आज उसी बहन को पराया कहता है।
लवली : -(मुस्कुरा के) बुआ का भी तो आज ही जन्मदिन है पापा... वह कई बार इस घर में आई है मगर हर बार आटो से आई है? आप कभी भी अपनी गाड़ी लेकर उन्हें लेने नहीं गये ? माना वह आज वह तंगी में है मगर कल वह भी बहुत अमीर थी। आपको, मुझको इस घर को उन्होंने दिल खोलकर सहायता और सहयोग किया है।
© Lovedeep Kapila
Write a short story using at least three from the five pro
मुस्कान रोज़ रोज़ अपने सास ससुर की बातें सुनकर परेशान हो गई थी। जैसे उसके पति के जीवन में हुए नुक्सान के लिए वो जिम्मेदार हो। सास ससुर की बातों को नज़रअंदाज करके अपने कमरे में आकर बैठ गई। उसकी नज़र अचानकर अपनी अलमारी पर पड़ी। जो धूल से मुक्त किताबों की अलमारी बहुत सारे झूठ छिपा सकती है। उसे याद आया जब वो नई नई दुल्हन बनकर अपने ससुराल आई थी। तब उसे पता चला था। की उसका पति शादी नहीं करवाना चाहता था। क्योंकि उसने बिना कारण ही सिर्फ दिखावे के लिए कर्जे ले लिए थे। जिसको मैनेज करते करते हालात बिगड़े हुए थे। उसके पति ने कई जगह हस्ताक्षर करके कर्जे लिए थे। जिसके सबूत उसने किताबों की आड़ में छिपा रखे थे। जिसको खत्म करने के चक्कर में मुस्कान ने अपनी शादी में मिले सारे शगुन (चाहे मायके से मिले थे या ससुराल पक्ष से) पति के कर्जे चुकाने में खत्म हो गए थे।
जब अपनी यादों से मुस्कान बोर हो गई तो अपनी कपड़ो की अलमारी को खाली करने की सोचने लगी। कपड़ों से भरी एक अलमारी जिसमें अभी भी उनके टैग थे। सारे कपडे बाहर निकालकर सलीके से एक एक करके फिर से रख रही थी। की अलमारी के नीचे के खाने में उसकी नज़र पड़ी। वहां एक सूटकेस पड़ा था। यादों से भरा एक खाली सूटकेस। मुस्कान ने उस सूटकेस को बाहर निकला। उसे याद आया की उसकी शादी के लिए उसका भाई लवली खास तौर से बनवाकर लाया था। लवली अपनी बहिन से बहुत प्यार करता था। उस पर अपनी जान छिड़कता था। उसके लिए माँ-बाप से भी लड़ जाता था। उसको कुंवारे रहते किसी चीज की कमी नहीं आने देता था। जब उसकी शादी हुई थी तो एक कोने में छिपकर बहुत रोया था। अब शादी के बाद वही भाई एक फ़ोन तक नहीं करता। अब जब उसका जन्मदिन आने वाला है तो भी एक फ़ोन करके भी नहीं पूछा की कब घर वापिस आ रही हो ? मुस्कान अपनी ही ख्यालो में गुम थी। की नीचे से उसकी सास की आवाज़ आई, बहु तुम्हारे मायके से तुम्हारे बाबूजी ने कार भेजी है। तुम्हारे जन्मदिन के दिन के लिए। मुस्कान के चेहरे पर मायके के नाम से ख़ुशी आ गई। नीचे पहुंची तो रामु काका चाय पी रहे थे। रामु काका तब से उसके पापा के ड्राइवर थे। जब से उसके पापा ने पुरानी कार से अलग अलग शहर में काम के सिलसिले से जाया करते थे। मुस्कान को मायके जाने के लिए इजाजत मिल गई। वो अपना सूटकेस तैयार करके नीचे आ गई और सास ससुर को प्रणाम करके मायके के लिए रवाना हो गई। रास्ते में उसे पता चला की उसका भाई अमेरिका से पढ़ाई करके यहाँ अपने पापा के साथ काम संभालने लगा है। अभी उसको आए महीना ही हुया था। रास्ते में रामु काका बता रहे थे की लवली ने अपने पिता जी को अब काम करने से मना कर दिया है। और खुद काम पर जाने लगा है। बाहर से आते ही सबसे पहले उसने तुम्हारे बारे में पूछा था। और सभी दोस्तों से भी मिलने गया था। रामु काका मुस्कान को एक फैक्ट्री में भी ले जाते है। और बताते है। की लवली ने एक चलती हुई फैक्ट्री खरीद ली है। और उसमें उसको सुपरवाइजर बना दिया है। रामु काका मुस्कान को फैक्ट्री के एक कमरे में ले जाते है। यहां पर मुस्कान के पति के दोस्त काम कर रहे थे। रामु काका बताते है। की लवली बाबा ने यह सोच रखा है की आपके पति को उसके दोस्त बुलाकर यहाँ काम पर लगवायेगे और एक साल के अंदर ही उसे तरक्की देकर यहाँ का मैनेजर बनाने की सोच रहे है। ऐसा सुनकर मुस्कान की आँखों में आंसू आ जाते है। वो सोचने लगती है। की वो अपने भाई को कितना गलत समझी थी। जबकि उसके भाई ने कितनी प्लानिंग कर राखी है की उसके पति को काम भी मिल जाये और उसके सम्मान को ठेस भी न पहुंचे।
दूसरी तरफ उसके मायके में पिता जी जोर से चिल्लाते हैं ।
लवली दौड़कर आता है पूछता है... क्या बात है पिता जी ?
पिता जी- तूझे पता नहीं है आज तेरी बहन मुस्कान आ रही है ? वह इस बार हम सभी के साथ अपना जन्मदिन मनायेगी! अब जल्दी से जा और अपनी बहन को लेके आ।
हाँ और सुन, तू अपनी नई गाड़ी ले के जा जो तूने कल खरीदी है। उसे अच्छा लगेगा।लवली : - लेकिन मेरी गाड़ी तो मेरा दोस्त ले गया है सुबह ही... और आपकी गाड़ी भी ड्राइवर ये कह के ले गया की गाड़ी की ब्रेक चेक करवानी है।
पिता जी - ठीक है तो तू स्टेशन तो जा किसी की गाड़ी या किराया की करके ? उसे बहुत खुशी मिलेगी ।
लवली : - अरे वह बच्ची है क्या जो आ नहीं सकेगी ? आ जायेगी आप चिंता क्यों करते हो किसी टैक्सी या आटो लेकर।
पिता जी - तूझे शर्म नहीं आती ऐसा बोलते हुए ? घर में दो दो गाडी़या होते हुए भी घर की बेटी किसी टैक्सी या आटो से आयेगी ?
लवली : - ठीक है आप जाओ मुझे बहुत काम है मैं जा नहीं सकता।
पिता जी - तूझे अपनी बहन की थोड़ी भी फिकर नहीं ? शादी हो गई तो क्या बहन पराया हो गई क्या उसे हम सबका प्यार पाने का हक नहीं ?
तेरा जितना अधिकार है इस घर में उतना ही तेरी बहन का भी है। कोई भी बेटी या बहन मायके छोड़ने के बाद, वह पराया नहीं होती।
लवली : - मगर मेरे लिए वह पराया हो चुकी है और इस घर पे सिर्फ मेरा अधिकार है।
तडाक !! अचानक पिता जी का हाथ उठ जाता है लवली पर और तभी माँ भी आ जाती है। मम्मी - आप कुछ शरम तो कीजिये ! ऐसे जवान बेटे पर हाँथ बिलकुल नहीं उठाते।
पिता जी - तुमने सुना नहीं इसने क्या कहा ? अपनी बहन को पराया कहता है ये वही बहन है जो इससे एक पल भी जुदा नहीं होती थी हर पल इसका ख्याल रखती थी।
पाकेट मनी से भी बचाकर इसके लिए कुछ न कुछ खरीद देती थी। बिदाई के वक्त भी हमसे ज्यादा अपने भाई से गले लगकर रोई थी। और ये आज उसी बहन को पराया कहता है।
लवली : -(मुस्कुरा के) बुआ का भी तो आज ही जन्मदिन है पापा... वह कई बार इस घर में आई है मगर हर बार आटो से आई है? आप कभी भी अपनी गाड़ी लेकर उन्हें लेने नहीं गये ? माना वह आज वह तंगी में है मगर कल वह भी बहुत अमीर थी। आपको, मुझको इस घर को उन्होंने दिल खोलकर सहायता और सहयोग किया है।
© Lovedeep Kapila