वन पर्व(अरण्य पर्व)
महाभारत के 18 पर्वो में से यह तीसरा पर्व है । वन पर्व को अरण्य पर्व भी कहा जाता है ।
अरण्य पर्व में कश्यप द्वारा कहा गया वचन संस्कृत में इस प्रकार है:
कषमा धरमः कषम यज्ञहः कषमा वेदः
कषमा श्रुतं ।
यस ताम एवं विजानाति सा सर्वं काशन्तुम
अर्हति।।
कषमा बरहरा कषमाँ सत्यम कषमा भूतं च भावी च ।
कश्मा तपः कश्मा शौचं काशम्या चोद्धतं जगत ।।
अरण्य पर्व में 21 उपपर्व और 324 पाठ हैं।
1)आरण्यक पर्व - इस पर्व में बताया है कि काम्यका वन में पांडव वनवास को गए । विदुर ने धृतराष्ट्र को युद्धिष्ठिर को उसका राज्य वापस देकर शांति समझौता कर लेना
चाहिए। धृतराष्ट्र ने इसका इंकार किया । जिसके कारण विदुर भी पांडवो के साथ कुछ समय के लिए वनवास व्यतीत किये ।
2)किरमिरा वध पर्व ::
इस पर्व में बताया है किस प्रकार भीम ने एक राक्षस किरमिरा को मारा ।
3)अर्जुनाभिगामना पर्व ::इस पर्व में बताया है कि श्री कृष्णा ने धमराज युधिस्ठिर की महानता बतायी है। जहाँ उन्होंने...
अरण्य पर्व में कश्यप द्वारा कहा गया वचन संस्कृत में इस प्रकार है:
कषमा धरमः कषम यज्ञहः कषमा वेदः
कषमा श्रुतं ।
यस ताम एवं विजानाति सा सर्वं काशन्तुम
अर्हति।।
कषमा बरहरा कषमाँ सत्यम कषमा भूतं च भावी च ।
कश्मा तपः कश्मा शौचं काशम्या चोद्धतं जगत ।।
अरण्य पर्व में 21 उपपर्व और 324 पाठ हैं।
1)आरण्यक पर्व - इस पर्व में बताया है कि काम्यका वन में पांडव वनवास को गए । विदुर ने धृतराष्ट्र को युद्धिष्ठिर को उसका राज्य वापस देकर शांति समझौता कर लेना
चाहिए। धृतराष्ट्र ने इसका इंकार किया । जिसके कारण विदुर भी पांडवो के साथ कुछ समय के लिए वनवास व्यतीत किये ।
2)किरमिरा वध पर्व ::
इस पर्व में बताया है किस प्रकार भीम ने एक राक्षस किरमिरा को मारा ।
3)अर्जुनाभिगामना पर्व ::इस पर्व में बताया है कि श्री कृष्णा ने धमराज युधिस्ठिर की महानता बतायी है। जहाँ उन्होंने...