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दूसरा दूसरा प्यार
प्रीति का आज आफिस का पहला दिन हैं।

ब.ए. अभी हुआ ही हैं, सरकारी कॉलेज में क्लास रेगुलर लगती भी नहीं थी. बढ़े रूखे सूखे से 3 साल कॉलेज के निकल थे, अब घरवाले  प्रीति की शादी  करवाना चाहते  हैं पर प्रीति शादी नही करना चाहती थी

उसी से बचने के लिए अपनी भुआ से कहलवाकर 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए आफिस जॉइन किया हैं.

वो भी भुआ की तरह वर्किंग वुमन बनना चाहती थी.

 प्रीति को स्कूल के दिन बड़े  याद आते है. कितनी मस्ती थी उन दिनों में. बचपन से ही गर्ल्स स्कूल में ही पढ़ी थी. अपने शहर की सबसे बेहतरीन मिशनरी स्कूल में.

इतना मासूम और कच्ची कली सा रूप की स्कूल में एक लड़की ही मर मिटी प्रीति पे.

अपना बड़ा सा ग्रुप और मस्ती भरी बातें आज भी उसे सताती हैं

अब बस 4,5 फ्रेंड्स से ही टच में थी, कभी कभार ही मिलना होता हैं

पता नही कैसे काम होगा, क्या करूँगी,सोचते हुए प्रीति आफिस पहुंची.

15-16 स्टाफ का छोटा सा आफिस, प्रीति बॉस से मिलने पहुंची.

5 फुट 6.5 इंच की 20 साल की सुंदर सी लड़की, जीन्स पे ब्लैक शर्ट पहने, काले कमीज में उसका गोरा चेहरा मन मोहने लगा.

उसकी गर्दन पे लगा पाउडर , घने लम्बे बाल, फूल से नाजुक गुलाबी होठ, सुंदर नाक नक्श किसी के भी दिल की धड़कने बढ़ाने वाला था

बॉस हर्ष देखते ही मर मिटा, उसने प्रीति को अपने केबिन में ही बैठने की जगह देदी.

और ट्रेनिंग खुद ही देने का फैसला किया. प्रीति को अपनी अच्छी अच्छी बातों से हर्ष ने कुछ ही दिनों में कम्फ़र्टेबल कर दिया था.

अब प्रीति को आफिस अच्छा लगने लगा.

हर्ष की लव स्टोरीज  प्रीति को आकर्षक लगती  थी.

वो कहती थी सर आपने...