एनिमल लवर अविनाशpart - 1
यह कहानी एक एनिमल लवर की है जिसका नाम अविनाश है अविनाश जो कि एक आर्टिस्ट भी है वह ज़्यादातर प्रकृति और जानवर की पेंटिंग बनाता है पर अविनाश हमेशा से ही ऐसा नहीं था यहां तक उसने 20 साल की उम्र तक पेंटिंग ब्रश भी नहीं पकड़ा था,तो ऐसा क्या हुआ अविनाश के साथ जिसने उसे एक गुस्सैल इंसान से एक एनिमल लवर और चित्रकार बना दिया.।
अविनाश के पिता एक बिजनेसमैन थे और कभी-कभी हफ्ते में घर आया करते थे ज्यादातर समय उनका घर से बाहर ही बीतता था,
और अविनाश की मां भी उसके पिता के साथ ही रहती थी क्योंकि अविनाश के माता-पिता दोनों अपने बिजनेस को संभाल रहे थे क्योंकि यह लोग शादी से पहले बिजनेस पार्टनर थे इसलिए अविनाश की मां को भी घर से बाहर उसके पिता के साथ रहना पड़ता था।
बचपन से ही है अविनाश का पालन पोषण उसकी मेड करती थी जिस कारण अविनाश अपनी मेड से बहुत प्यार करता था,
अविनाश के माता-पिता कभी कभी घर आते थे और अपने बिजनेस मीटिंग को लेकर हमेशा ही लड़ते रहते थे उनके बीच में झगड़ा अक्सर होते रहता था, जिस कारण अविनाश घर में अकेला सा पड़ गया था।
अविनाश की जिंदगी अन्य बच्चों की तरह नहीं थी क्योंकि उसे अपने मां बाप का प्यार नहीं मिल पाया, जिसका वो हक़दार था ।
अपने माता-पिता के झगड़े और आपसी तनाव को देखते हुए अविनाश का स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा हो गया था वह बात बात पर गुस्सा करने लगता जिस कारण स्कूल में भी उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे क्योंकि अक्सर अविनाश का अपने क्लासमेट्स के साथ झगड़ा होते रहता था।
अब धीरे-धीरे अविनाश बड़ा होते गया उसकी उम्र अब 21 साल हो गई,इस दौरान अविनाश ने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया और मास्टर्स में एडमिशन ले लिया,
लेकिन अविनाश का ज्यादातर समय दोस्तों के साथ, अय्याशी, मौज मस्ती में बीतता था उसे रात भर पबों में रहना डिस्को करना वहां पर अय्याशी करना शराब पीना पसंद था इसके पीछे का कारण उसका अकेलापन था क्योंकि उसके माता-पिता से उसे वह प्यार नहीं मिल पाया जो उसे चाहिए था।
यह महीना मार्च का था जब अविनाश के कॉलेज की ट्रिप जा रही थी हिमाचल,
पर अविनाश इस ट्रिप के लिए मना कर रहा था क्योंकि अविनाश को अय्याशी की आदत लग चुकी थी इसलिए उसका मूड हिमाचल जाने को नहीं था लेकिन दोस्तों के बार-बार समझाने पर वह मान गया,
12 अप्रैल का वह दिन जब अविनाश अपने कॉलेज फ्रेंड्स के साथ हिमांचल ट्रिप पर चला गया,अगले दिन 10:00 बजे अविनाश अपने कॉलेज फ्रेंड के साथ शिमला पहुंचा मार्च का महीना था लेकिन शिमला में इस मौसम में भी ठंड काफी थी शिमला से 20 किलोमीटर दूर एक रिसोर्ट था...
अविनाश के पिता एक बिजनेसमैन थे और कभी-कभी हफ्ते में घर आया करते थे ज्यादातर समय उनका घर से बाहर ही बीतता था,
और अविनाश की मां भी उसके पिता के साथ ही रहती थी क्योंकि अविनाश के माता-पिता दोनों अपने बिजनेस को संभाल रहे थे क्योंकि यह लोग शादी से पहले बिजनेस पार्टनर थे इसलिए अविनाश की मां को भी घर से बाहर उसके पिता के साथ रहना पड़ता था।
बचपन से ही है अविनाश का पालन पोषण उसकी मेड करती थी जिस कारण अविनाश अपनी मेड से बहुत प्यार करता था,
अविनाश के माता-पिता कभी कभी घर आते थे और अपने बिजनेस मीटिंग को लेकर हमेशा ही लड़ते रहते थे उनके बीच में झगड़ा अक्सर होते रहता था, जिस कारण अविनाश घर में अकेला सा पड़ गया था।
अविनाश की जिंदगी अन्य बच्चों की तरह नहीं थी क्योंकि उसे अपने मां बाप का प्यार नहीं मिल पाया, जिसका वो हक़दार था ।
अपने माता-पिता के झगड़े और आपसी तनाव को देखते हुए अविनाश का स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा हो गया था वह बात बात पर गुस्सा करने लगता जिस कारण स्कूल में भी उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे क्योंकि अक्सर अविनाश का अपने क्लासमेट्स के साथ झगड़ा होते रहता था।
अब धीरे-धीरे अविनाश बड़ा होते गया उसकी उम्र अब 21 साल हो गई,इस दौरान अविनाश ने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया और मास्टर्स में एडमिशन ले लिया,
लेकिन अविनाश का ज्यादातर समय दोस्तों के साथ, अय्याशी, मौज मस्ती में बीतता था उसे रात भर पबों में रहना डिस्को करना वहां पर अय्याशी करना शराब पीना पसंद था इसके पीछे का कारण उसका अकेलापन था क्योंकि उसके माता-पिता से उसे वह प्यार नहीं मिल पाया जो उसे चाहिए था।
यह महीना मार्च का था जब अविनाश के कॉलेज की ट्रिप जा रही थी हिमाचल,
पर अविनाश इस ट्रिप के लिए मना कर रहा था क्योंकि अविनाश को अय्याशी की आदत लग चुकी थी इसलिए उसका मूड हिमाचल जाने को नहीं था लेकिन दोस्तों के बार-बार समझाने पर वह मान गया,
12 अप्रैल का वह दिन जब अविनाश अपने कॉलेज फ्रेंड्स के साथ हिमांचल ट्रिप पर चला गया,अगले दिन 10:00 बजे अविनाश अपने कॉलेज फ्रेंड के साथ शिमला पहुंचा मार्च का महीना था लेकिन शिमला में इस मौसम में भी ठंड काफी थी शिमला से 20 किलोमीटर दूर एक रिसोर्ट था...