...

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ये आखरी शाम💔😞
नमस्कार🙏
कैसे है,आपसब
उम्मीद करती हूँ, आपसब अच्छे होंगे😊

आज मैं फिर एक छोटी सी कहानी लेकर प्रस्तुत हुयी हूं, उम्मीद है,आपको कहानी पसन्द आएगी😊🙏

तो सुरु करते है,आज की कहानी😊

अनन्या अकेली झील के किनारे बैठी हुई थी,शायद किसी का इंतज़ार कर रही थी।
पर बड़ी उदास दिख रही थी,पानी में छोटे छोटे कंकड़ डाल रही थी।😞

अचानक उसकी नज़रे ऊपर उठी, और देखा उसके तो सामने रेआंश खड़ा था।😍

वो आकार सामने बैठ गया।दोनों में काफी देर तक बातें हुए।दोनों के आँखों में आँसु थे।😭

अनन्या बोली,मुझे समझ नही आ रहा,बिन तुम्हारे अपनी ज़िंदगी में कैसे जी पाऊँगी। ऐसा क्यों होता है।बताओ ना😢
माँ पापा को भी हम दुखी नही कर सकते,
अपनी पुरी ज़िन्दगी एक दूसरे के बिना जीना कोई जिना होगा।।😔

बोलो ना।😞रेआंश क्या कहता।💔दुनियां तो उसकी भी उजड़ रही थी।बस आँसु ही आँखों में थे,जो सारे सपने को बहा रहे थे।।

एक बार भी प्यार जात से हारता हुआ दिख रहा था।
पर दोनों अपने घरवालों को दुखी नही करना चाहते थे,इसलिए दोनों ने अपने ही प्यार को हमेशा के लिए दिल में ही रखने का फैसला किया था।

पर ये दर्द तो सहा ही नही जा रहा था,इतने में अनन्या को फ़ोन रिंग करता है,
my first love लिखा हुआ था❤️

फ़ोन उठाते ही पापा बोलने पर उसके पापा बोले,बेटा कहाँ हो घर आ जाओ।
शाम होने को है।कल लड़के वाले आएँगे ना,तो तैयारी भी तो करनी है।
अनन्या जी पापा आती हू।कहकर फ़ोन रख दी😞

फिर दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया।तब रेआंश ने कहा,अनन्या मैं इतने बड़े पोस्ट में हूं,की तुम्हे किसी चीज़ की कमी महसूस होने नही दूंगा।

पर तुमने अपने पापा की खातिर सब छोड़ दिया,मुझे भी और खुद की खुशियां भी।।

खुशनसीब है,जिन्हें तुम बेटी के रूप में मिली।
काश मैं भी नसीब वाला होता😞

तो आज तुम मेरी हो जाती,हमेशा के लिए❤️
मैं कोशिस करूँगा,मैं खुश रहूं, तेरा बिना😞

ये शाम हमेशा याद रहेगी,तुम्हें खोने का भी और तुम्हरा साथ ये पल जीने का भी।

फिर दोनों के रास्ते हमेशा के लिए अलग हो गए,सिर्फ जात के नाम पर😞💔

प्यार किये तो जाते है,पर नसीब से निभाए नही जा पाते😞💔
© roshni🙃