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लोग बोलते ही रहते हैं
Pic Credit - मेरी सहेली

उपमा कुछ दिनों से परेशान थी भूख प्यास का भी होश नहीं था
सविता जी ने अपनी बहु को समझाया

बहु किसी के कहने से खुश दुःखी मत हुआ करो
उपमा ने हाँ मे सर हिलाया पर
उसके अंदर एक कुंठा चल रही थी
कोई मेहमान आते उपमा को पूछते क्या करते है आप

उपमा का मन खिन्नता से भर जाता हर कोई मेरे बारे मे ही क्यों पूछता
इस तरह बैठा करो, नहीं इस तरह काम करा करो

पहले तो उपमा सुनती रहती
पर धीरे धीरे उसका सब्र टूटता गया

उपमा चुप रहने लगी
उसे लगता क्या मुझे वाकई कुछ नहीं आता क्यों सब मेरी कमी ही निकालते

हंसने मुस्कुराने वाली उपमा चुप चुप रहने लगी
सास को ये बात कुछ समझ नहीं आ रही थी
पर सोचा उपमा की तबियत ठीक ना हो

दूसरी तरफ उपमा के अंदर का शोर उसे परेशान लगा था उसे रह रहकर लोगों की बातें याद आती

जितना भूलने की कोशिश करती उतना बातें याद आती

एक दिन उपमा ने मौका मिलते ही नींद की गोलियां खा ली
सास ने सोचा आज उपमा को हुआ क्या अभी तक नहीं उठी
जब सास उपमा के कमरे मे गयी वो अचेत पड़ी थी

सास के हाथ पैर फूल गए
तुरंत फॅमिली डॉक्टर को फोन करके जल्दी आने को कहा
डॉक्टर जल्दी ही आ गए

और आकर पहला सवाल करा कितनी देर हुई नींद की गोली खायें
मुझे नहीं पता जब उपमा बहुत देर तक नहीं उठी तो मैं देखने आयी

क्या किसी ने कुछ कहा
हाँ वो आहत थी रिश्तेदार आए सब उसकी कमी निकालते थे
धीरे धीरे उसकी हिम्मत टूटती गई

कह नहीं सकते बचेगी या नहीं आपकी बहु पर हम इन्हें बचाने की पूरी कोशिश करेंगे
इलाज शुरू हुआ
डॉक्टर ने दूसरे डॉक्टरों को भी जल्दी आने को कहा

सबने मिलकर इलाज शुरू करा
आखिरकार वो खबर आयी जो सास सुनना चाहती थी
डॉक्टर ने सास को कहा आपकी बहु अब खतरे से बाहर है

ये सुनकर सास ने भगवान को धन्यवाद करा

सब डॉक्टर जाने लगे
पहले जो डॉक्टर आए थे उन्होंने कहा जिंदगी इतनी सस्ती नहीं

ये कहकर डॉक्टर चले गए
थोड़ी देर बाद सास कमरे मे गयी बहु के पास बैठी
उसके माथे पर हाथ फेरा बहु किसी के कहने को तव्वजो क्यों देती हो जिंदगी इतनी सस्ती नहीं

बहु सास के गले लग कर रोने लगी
रो मत बहु मैं तेरे साथ हूं तुझे टूटने नहीं दूंगी ।

समाप्त
23/4/2024
6:40 शाम
Pic Credit - Pinterest
© ©मैं और मेरे अहसास