तुम्हे खोने का डर
तुम्हें खोने का डर तो हर पल था
पर यकीन कभी नही था की
तुम मुझे छोड़ कर चले जाओगे
जब भी मैं ये सोचती की क्या
तुम कभी मेरे हो पाओगे
कभी कोई जवाब नही मिला
क्योंकि तुम कभी मेरे थे ही नही
ये डर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था
जितना छिपा रही थी उतना ही ...
पर यकीन कभी नही था की
तुम मुझे छोड़ कर चले जाओगे
जब भी मैं ये सोचती की क्या
तुम कभी मेरे हो पाओगे
कभी कोई जवाब नही मिला
क्योंकि तुम कभी मेरे थे ही नही
ये डर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था
जितना छिपा रही थी उतना ही ...