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Boring Mom
#cinemagraphBorin Mom

Boring Mom
"बोरिंग मॉम" मतलब उबाऊ मां,मम्मी, माता, जननी आदि। कभी-कभी ज्यादा रोक टोक या रूढ़िवादिता के चलते , लड़कियों को ना चाहते हुए भी मन मार कर जीना होता है और धीरे-धीरे वह इसी दिनचर्या की आदी हो जाती है । इस कहानी में ऐसी ही परिस्थितियों को प्रकाशित किया गया है ।आशा करती हूं आप सभी को पसंद आए। कृपया अपने विचार कमेंट में अवश्य बताएं। 🙏
बोरिंग मॉम

"तुम लोगों की पिकनिक की सारी पैकिंग कर दी है और भी कुछ रखना हो तो देखकर मुझे बता देना" ।कविता ने अपनी बेटी रागिनी और उसकी सहेलियों अनुष्का, स्वरा और नेहा से कहा।

" ठीक है मम्मा"! रागिनी ने चहकते हुए कहा । तभी अनुष्का ने कहा_" अरे आंटी..! आप क्या करेंगे 2 दिन । अभी तो अंकल भी आउट ऑफ सिटी है, प्लीज आप भी हमारे साथ चलो कुछ फन हो जाएगा एंजॉय भी कीजिएगा"।

"अरे नहीं..! नहीं बेटा, आप लोग जाओ ,बहुत age difference है , हम लोगों के बीच ।तुम सब खुलकर holidays भी enjoy नहीं कर पाओगी ।मैं रह लूंगी ,मुझे कोई problem नहीं होगी "।

"Ok Aunti, as u like" कह कर अनुष्का चुप हो गई ..।

एक हल्की मुस्कुराहट के साथ कविता कमरे से बाहर निकल कर, दूसरे कामों में व्यस्त हो गई, तभी स्वरा ने रागिनी से कहा है_"अरे रागिनी.! तुम्हारी Mom को बाहर आना जाना और मौज मस्ती पसंद नहीं है क्या? जब आती हूं जब अपने ही कामों में व्यस्त होकर, घर में रहती है और फिर अपने रूम में कैद हो जाती है"।

"अरे मैंने तो कभी आंटी को मार्केट में शॉपिंग करते भी नहीं देखा" ।नेहा ने भी कहा ।

"कितनी boring Mom है तुम्हारी। मेरी मम्मा तो क्लब, बी सी ग्रुप और भी बहुत सारे लोगों से जुड़ी हुई है। Shoping में जो भी बोलो वह ला सकती है ।सच कहूं तो market का सारा ही काम खुद करती है ।घर के अलावा बाहर के भी कामों में औरतों को active रहना चाहिए"।

रागिनी ने बड़े इतने नाम से अपनी सहेलियों की सारी बातें सुनी ।फिर बड़ी ही समझदारी से उसने कहा _"बस करो चुप हो जाओ तुम। जिन हालातो में मां की परवरिश हुई है अगर तुम और मैं होते तो शायद जी भी नहीं पाते"।

रागिनी ने अपनी बात को आगे बढ़ाया _"बचपन से ही नाना नानी ने मम्मा को कभी किसी दुकान पर सामान लेने नहीं भेजा। सारा सामान नानाजी ही लाते थे ,या फिर मामा जी ।इसके अतिरिक्त कभी वह लोग नहीं होते तो, शायद समान ही नहीं लिया जाता ।उनके सारे कपड़े भी मामा जी या नानी जी ही लाते थे ।

यहां तक कि उनकी शादी की shopping में भी वह attend नहीं थी ।कम उम्र में ही शादी कर दी गई ।वह भी संयुक्त परिवार में जहां सुबह का खाना 1:00 बजे और शाम का सबके खाने के बाद फिर चाहे 9:00 बजे या 11"..।

"अरे तो आंटी खा लेते क्या तकलीफ थी इसमें ,किचन में तो वह रहती ही थी ना "। स्वरा ने कहा ।

रागिनी ने कहा _"हां लेकिन पांच-पांच औरतों जब किचन में एक साथ काम बता जाती तो फिर मम्मा कैसे खाती ?पापा ने कभी shopping के पैसे हाथ में नहीं दिए। सारा सामान सब्जी हो या फिर किराना सब वही लाते थे ।वह फिर इतने लोगों का काम करके मम्मा थक जाती थी तो, बाहर नहीं जा पाती थी ।गोद भराई के बाद जब नानी के घर गई तो, शर्म के मारे अपनी सहेलियों से भी नहीं मिल पाई और फिर मेरे होने के बाद की shoping भी नानी जी ने अकेले ही कर ली। लाख बंदिशे थी । घर के बाहर ओटले पर भी नहीं बैठने दिया गया कभी । अगर कभी मम्मा ने कहा कि सब्जी के पैसे दे दो तो , दादाजी कहते बता दो क्या लाना है मैं ले आऊंगा ,तुम कहां जाओगी ।फिर मां ने कभी कहा ही नहीं कि उसे बाहर जाना है ।घर के सारे काम करके थक जाती तो, आराम करती या, फिर टीवी मोबाइल देख कर खुद को बहला लेती ।

सुनो तुम सब , कुछ दिन पिंजरे में रहकर तो तोता भी उड़ना भूल जाता है फिर, मम्मा ने तो सारी जिंदगी ही मानों पिंजरे में ही गुजार दी हो। हम भाई-बहन की परवरिश उन्होंने इस तरीके से की कि, हम लोग अपने सारे ही शौक मौज पूरे कर सके। घर और घर के बाहर की जिम्मेदारी बखूबी निभा सके" ।

तभी अनुष्का ने उदासी भरे लहजे में कहा_ "रागिनी तुम सही कह रही हो सच में हम दिन भर अपने हिसाब से जीते हैं ।फिर भी उदास रहते हैं ।आंटी को तो सैल्यूट है कि, वह आज भी हम सभी से हंसते हुए करती है और अपने काम भी मुस्कुरा कर ही करती है ।

"Sorry Ragini"..! अनुष्का स्वरा और नेहा ने रागिनी से माफी मांगी ।

It's ok सभी लोगों को यही लगता है। इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं ।
"My Mom is the great "
"She is not boring"
सभी खिल खिलाते हुए गले मिलती है ।

जो लोग मौज मस्ती के शौकीन नहीं, सच में boring नहीं होते हैं ।वह अपने सांचे में ढले होते हैं मगर, कोई ना कोई हुनर में माहिर होते हैं ।अपने हिसाब से लोगों को व्यवहार पर टिप्पणी न ही कर तो बेहतर होगा।
आप इस बात पर कितने सहमत हैं कृपया कमेंट में जरूर बताएं..!!🙏
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