एक अनजान दोस्ती
# WritcoStoryChallenge
खुदगरजो की भीड़ है यहाँ
पर सोचा था वो उन जैसा नहीं है
दिल की बात पूछा और कहाँ था
तो लगा वो साफ दिलो की है
औरो से मैं इतना घुलता मिलता नहीं
वो अच्छी दोस्त की तरह लगी पर उड़ता हवा की झोका की तरह आ कर लौट गया
तकलीफ मैं अपना सब से छुपा लेता हूँ
पता नहीं क्यों उसे सब बताने को मन करता गया
वो तो अनजान थी ना दोस्त ना अपनो का रिश्ता था
फिर भी उस शख्श से मिलने को बाते करने को दिल चाहता रहा है
अच्छे लोग अच्छे रिश्ते इतने कम दिनों के लिए क्यों आते है
लोग अच्छे खट्टे मीठे सब यादो की पोटली देकर क्यों चले जाते हैं
दुआँ करता हूँ भगवान उनकी हर ख्वाहिश पूरी करे
खुशियों की गुलिस्ताँ में कभी उन्हें गमो की साम नहीं मिले
चाहा जो भी उसने हर कदमों पर मंज़िल को पाए
होठो पर मुस्कान सजती रहे कभी आंखों में नमी न आए
© रौशन rosi...✍️🍁
खुदगरजो की भीड़ है यहाँ
पर सोचा था वो उन जैसा नहीं है
दिल की बात पूछा और कहाँ था
तो लगा वो साफ दिलो की है
औरो से मैं इतना घुलता मिलता नहीं
वो अच्छी दोस्त की तरह लगी पर उड़ता हवा की झोका की तरह आ कर लौट गया
तकलीफ मैं अपना सब से छुपा लेता हूँ
पता नहीं क्यों उसे सब बताने को मन करता गया
वो तो अनजान थी ना दोस्त ना अपनो का रिश्ता था
फिर भी उस शख्श से मिलने को बाते करने को दिल चाहता रहा है
अच्छे लोग अच्छे रिश्ते इतने कम दिनों के लिए क्यों आते है
लोग अच्छे खट्टे मीठे सब यादो की पोटली देकर क्यों चले जाते हैं
दुआँ करता हूँ भगवान उनकी हर ख्वाहिश पूरी करे
खुशियों की गुलिस्ताँ में कभी उन्हें गमो की साम नहीं मिले
चाहा जो भी उसने हर कदमों पर मंज़िल को पाए
होठो पर मुस्कान सजती रहे कभी आंखों में नमी न आए
© रौशन rosi...✍️🍁
Related Stories