...

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दोस्त 🫶
कहना तो बहुत कुछ है, पर शब्द ही नहीं है
समझ भी तो दोस्त ही सकते हैं ना ,पर क्या करें दोस्त ही नहीं है
यूं तो जिंदगी के हर मोड़ पर दोस्त बने थे ,पर पता नहीं क्यों अब वह सब साथ ही नहीं है ...

स्कूल के दोस्त सब अजनबी से हो गए.. एक राह पर मिले मुसाफिर के जैसे, वह दूर हो ग‌ए
बातें अब सिर्फ उनसे इतनी सी रह गई ..
helloसे शुरू bye पर खत्म
बीच के चार शब्द.. जैसे formality हो ग‌ए
ना बातें होती है ,ना मिलना होता है
दिल खूब करता है उनसे मिलकर उन्हें गले लगा कर रोने का..
I miss you my friends कहने का
पर स्कूल खत्म होने के साथ ही वह सब बदल ग‌ए
वक्त बदल गया ...
वह बदल ग‌ए..
मैं बदल गई ...
और बदल ग‌ए हमारे दोस्त....
और रह गई सिर्फ यादें.... जो कभी कभी आंखों से आंसू बन बरस पड़ती है ..
पर ये भी सच है ना भूलें नहीं जाते दोस्त वो पुराने ...

अब बचपन के वह यार बदल ग‌ए,
तो कॉलेज के दोस्तों से क्या ही गिला करें
मन तो करता है बहुत की ..
कभी उनसे भी मिला करें
पर Aspirant बनने की दौड़ में हर कोई यूं मशगूल मिला
की ना नाम याद रहा.. ना ही मिलने का वक्त मिला

जिंदगी में दोस्तों के नाम पर मेरी बस एक cute सी कॉलेज फ्रेंड रह गई
मुझको मुझसे भी ज्यादा समझने वाली...
पर न जाने क्यों लगता है कि वक्त के साथ वह भी चली जाएगी
और हर किसी के जैसे बस उसकी भी मेरे पास यादें ही रह जाएगी

MY bestie 🫶
कभी कहा नहीं मेरी bestie तुझे
मुझे पता है यार तू senti हो जाएगी
कि हर रोज याद आती है तेरी
तेरी उस गुड मॉर्निंग वाली झप्पी की.. हमारी स्कूटी की ride की
हमारी वह nonstop सी बातें जो हर किसी को तंग कर दे...... और भी बहुत कुछ
तेरी याद जब भी आती है तो थोड़ा रो भी देती हूं
चाहकर भी ना मिल पाने का दुःख है यार

पर यह जिंदगी आसान कहां है न जाने क्यों आराम पाने के लिए हर खुशी को छोड़ना पड़ता है
अब जिंदगी सिमट कर बस बुक्स के साथ एक कमरे तक रह ग‌ई है
याद तो सब आते हैं पर ना किसी को सुनने का मन करता है ना बातें करने का मन करता है
शायद खामोशी और एकांत रास आ गया तुम्हें भी और मुझे भी..

ये तो एक दिन होना ही था ना खुद को काबिल साबित करने की राह पर जो निकल पड़े है हम....

promise की तुम सबसे जल्द ही मिलूंगी इस काबिलियत की राह को पार कर पर तब तक सिर्फ मैं और मेरी तनहाई ....
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