...

9 views

THE NEW PLACE , where I wanted to go ...
और अब Finally हम उस School में पढ़ रहे थे जिस School में हमनें सोचा था। April में admission हुआ था तब मेरी किसी से ज्यादा बात नही होती थी पर May खत्म होते होते कुछ लोगो से बात होने लगी थी।

जब हम Class में पहुंचे तो एक लड़की जो मुझे Entrance के Time मिली थी हमने उसको देखा तो हम उसके साथ जाकर बैठ गए उसका भी new admission था तो हम दोनों में थोड़ी बातचीत होने लगी। धीरे धीरे हम और भी लोगों के साथ रहने लगे। Starting में हमने नए लोगों के साथ बात करना शुरू किया जो लगभग मेरे जैसे ही नए आए थे। फिर कुछ लोगों ने मेरी Help भी की क्योंकि हम कुछ दिन School नही जा पाए थे। लोगों ने मेरे Notes Complete करने के लिए अपने Notes दिए। साथ में बैठकर lunch करते थे, बात भी करते थे पर फिर भी मुझे अकेला ही feel होता था, क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि ये लोग मेरे पुराने School वाले दोस्तों जैसे नही हैं।

फिर Class में भी मुझे बहुत ध्यान देना पड़ता था क्योंकि मेरे लिए Language की वज़ह से subjects को समझने में थोड़ी problem होती थी। फिर धीरे धीरे मुझे सब समझ आने लगा और मुझे पढ़ने में कोई problem नही होती थी। Same ही problem और भी लोगों को थी जो लोग उसी School में पढ़े थे मतलब कि जो वहां के पुराने स्टूडेंट्स थे। जब मैंने ये बात जाना तो हम इन लोगों से अपने को Connect कर पाए। अच्छा इनसे connect होने की और भी बहुत सारी चीज़ें थी जैसे की School का environment वहां के तौर तरीके रहन। और क्यों न हो भाई इससे पहले जो मेरा School था वो भी इसी School की तरह RSS से जुड़ा था।

May मे class test हुआ और फिर summer vacation हो गया। फिर July में School Reopen हुआ तो Class test की Sheets दिखाई गई। Almost सारे subject में मेरे अच्छे Marks थे। ये देखकर तो मुझमें एक अलग ही level का confidence आ गया कि हम बहुत अच्छा कर सकते हैं। अब हम ज्यादा पुराने लोगों के साथ रहने लगे थे उनसे ही बात करना उनके बारे में जानना और अपने बारे में बताना चाहते थे।

हम हमेशा अपने आपको उनसे relate करते रहते थे। शायद Starting में उन्हें हम कुछ ख़ास पसंद नहीं आते थे इसलिए वो लोग अपने में रहते थे क्योंकि उन लोगो का अपना भी Friend Circle था अब हम तो उनके लिए एक दूसरे School से आए हुए ही थे। वैसी तो जब class चलती थी तो अपनी bench पर ही बैठ सकते थे पर जब class free रहती है या Lunch time होता था तो हम पूरे class में घूमा करते थे क्योंकि हम लोगों से बात करना चाहते थे उनके साथ time spend करना चाहते थे।

धीरे धीरे जैसे time बीतता गया वैसे वैसे हम लोगों से connect होते गए। 11th Complete होते होते मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए। उनमें से कुछ तो बहुत ख़ास दोस्त बने जो आज भी मेरे साथ हैं। ..... continue with next.


© Jaya Tripathi