काम बनाम आशा
अक्सर ऐसा सुनने को मिलता है की हमें अपनी आशाओं की पूर्ति के लिए जंग लढ़ना भी पड़े तो वो जायज मानी जाती है। हमारी अधिकांश आशाएं हमारी इंद्रियों से जुड़ी होती है। जितनी भी इंद्रियां हमारे पास मौजूद होते हैं वो हमारे लिए जितनी उपयोगी होती है उनसे कई ज्यादा हानिकारक भी होती हैं। हमारे इंद्रियों के वजह से हमारी आशाओं की मात्रा बढ़ती जाती है।
आशावादी होना कोई बुरी बात नहीं लेकिन हम आशावादी किस चीज के लिए है उसे परखना आवश्यक है। अगर हम हमारे काम को परखना...
आशावादी होना कोई बुरी बात नहीं लेकिन हम आशावादी किस चीज के लिए है उसे परखना आवश्यक है। अगर हम हमारे काम को परखना...