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एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में जीवन का बंटवारा योनियों में।।
अब तक तो आप सब यह जान चुके ही होंगे कि यह एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त एक वैशया और अन्य कैसे एक असंभव प्रेम गाथा अनन्त में भृमण कर रही है, इस असंभव प्रेम गाथा अनन्त में काई कथाओ का वर्णन है, जैसे पहला वर्णन गुलाम ए ग़ालिब एक काबूल नामा है जिसमें अल्लाह की बेहद कहर ढाने वाली बरकतो का वर्णन किया गया है। आइए देखते है कि श्रीकृष्ण की प्रेम गाथा तथा
अल्लाह की पहली बेशकश "ग़ालिब ए काबूल नामा में क्या तर्क दिए गए निर्देशों में दरशाए गाए हैं।
🧶 एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त है।।🧶हिनदु ।
1) सरवकुलाह भृमणम् केवलम् नामांकन दाखिल हेतु।
२)मनुषा कादमि पूणनम् यद्यपि सा त्वम श्रोथाह सत्रीयाम् ना भवति किंतु यद्यपि सा कादामि यकीनाह भवति सा अस्तित्व सत्रीया भवतामि नाकि सत्री सूनयम् बगैर पुरूषार्थ नामांकन।।
३) ग़ालिब ए काबूल नामा (इशलामी मोहर)
🚩 किम् जायजा तथा किम् नाजायज़🏴
गुलाम ए ग़ालिब एक काबूल नामा इशलामी मोहर -
तथा एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त विलीन धातु से।। इस गाथा गाथा उद्देश्य केवल एक नामंकित करना है मगर यह बात कोई मनुष्य नहीं जानता कि लड़की को पैसा चाहिए तो उसके पास बहुविकल्पी साथनम् क्रिया चुनाव हैं मगर पुरूष यह गाथा कदा नहीं समझ पाते की लन्ड भी लड़की योनि तथा चूत से जन्मा है वास्तविक में पुरूष का परिचय पद स्त्री है । यद्यपि श्रृष्टि आज्ञाताह भवताह सा सत्रीयाम् पराकशा पुरुषामि नदयपि पुरूषा पराकाशा सत्रीयाम् यद्यपि वास्तविक वर्णना दृश्यन्ति विपीरिथाह भवताह। यद्यपि यह गाथा कादामी पूणनायनते कारणम् सत्रीयाम् अनेकाएकामि इचछामि एकाह पुरूषा भवति किंतु बहुविकल्पी पुरूषार्थ बहुविकल्पीस्त्रीयाम् एकामि इचछामि पराकटत्यनति यद्यपि चर्मासुख कबहु प्राप्ति भवति यद्यपि यह गाथा अनन्त पूरवाकाह भृमणाम् भवति।
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