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एक छोटी सी कहानी* इसे शांति से पढ़ें, आपको यह जरूर पसंद आएगा *दोस्त* *यह चार करीबी दोस्तों की कहानी है जो स्कूल में पढ़ते हुए मिले थे..* *जिन्होंने एक ही स्कूल में SSLC तक पढ़ाई की है..* *उस समय उस कस्बे में सिर्फ एक लग्जरी होटल था..वह।* *एसएसएलसी परीक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने उस होटल में जाकर चाय और नाश्ता करने का फैसला किया..* चारों के लिए प्रति व्यक्ति बीस रुपयेकुल 80 रुपए जमा किए और रविवार साढ़े दस बजे साइकिल से होटल पहुंचा। *दिनेश, संतोष, महेश और प्रवीण चाय-नाश्ता करते हुए बातें करने लगे..* 35 साल बाद हम पचास के हो जाएंगे। फिर आपकी मूंछ कैसी होगी, आपके बाल कैसे दिखेंगे, आपकी चाल कैसी होगी, वगैरह-वगैरहउन्होंने बात की और जोर से हंसे। हंसी की आवाज शब्द दर शब्द बिखरते हुए जगह को मधुर बना रही थी। वह दिन 01 अप्रैल है। *चारों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि हम 35 साल बाद 01 अप्रैल को फिर से उसी होटल में मिलेंगे..* तब तक हम सबको बहुत मेहनत करनी है, और हमारे अंदर कितनी तरक्की हैक्या होता है यह देखना दिलचस्प होगा.. उन्होंने तय किया कि *आखिरी दोस्त जो उस दिन होटल आएगा उसे होटल का बिल देना होगा..* *वेटर मुरली, जो यह सब सुन रहा था और उसे चाय और नाश्ता दे रहा था, बोला, अगर मैं इस होटल में 35 साल रहूं, तो मैं इस होटल में आपका इंतजार जरूर करूंगा..* और 72 रुपये बिल किया।उसने दिया बचे हुए 8 रुपए टिप के रूप में रखने की बात कहकर...