मोहब्बत की गवाही ..,✍️
तुझे सोचूं तो पहलू से सरक जाता है
दिल
मेरा,
मैं दिल पे हाथ रखकर धड़कनों को थाम लेता हूँ।
हाल-ए-दिल
तो खुल चुका है हर शख्स पर,
हाँ मगर इस शहर में इक बेखबर भी देखा है।
मोहब्बत की...
दिल
मेरा,
मैं दिल पे हाथ रखकर धड़कनों को थाम लेता हूँ।
हाल-ए-दिल
तो खुल चुका है हर शख्स पर,
हाँ मगर इस शहर में इक बेखबर भी देखा है।
मोहब्बत की...