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मनोबल
आप सभी ने कभी ना कभी बचपन में भौंरा नाम का कीट तो देखा ही होगा । बड़ा ही खूबसूरत कीट होता है यह , आज इसी कीट पर यह कहानी आधारित है ।

एक बार एक तितली फूलों का रस लेने जा रही होती है की तभी कहीं से आवाज ! आती है तितली रानी यहां वहां देखने लगती है , पर उसे कोई दिखता ही नहीं , वह फिर आगे बढ़ने लगती है , फिर आवाज आती है , अरे! सुनो यहां नीचे देखिए मैं यहां नीचे हूं , तब जाकर तितली नीचे की ओर देखती है , फिर भौंरा उससे पूछता है आप कहां जा रही है इतनी सुबह , फिर तितली जवाब में कहती है फूलों का रस लेने , भौंरा कहता है मैं चलूंगा तुम्हारे साथ , यह सुनकर तितली हंसने लगती है और हंसते हंसते कहती है तुम! तुम और मेरे साथ चलोगे परंतु कैसे तुम्हारे तो पंख काफी छोटे है , उड़ पाओगे इतनी ऊपर
भौंरा कहता हा क्यों नहीं , तितली कहती फिर चलों उड़ के दिखाओ , भौंरा उड़ने की कोशिश करने लगता है लेकिन उतने ऊपर नहीं उड़ पता , तितली रानी गुनगुनाते हुए वहां से चली जाती है , लेकिन भौंरा वही कोशिश करते रहता है सुबह से शाम हो जाती है और भी कुछ क्षण बाद रात भी हो जाती है , लेकिन भौंरा डटा रहता है पूरी रात मेहनत करता है ।

दूसरी सुबह फिर तितली रानी मिलती है इस बार वह आगे से पूछती है क्यों आज नहीं चलना मेरे साथ भौंरा कहता है क्यों नहीं जरूर चलूंगा , फिर से भौंरा उड़ने की कोशिश करता और धीरे धीरे ऊपर उड़ने लगता है फिर धड़ाम से नीचे की ओर गिर जाता है । तितली रानी फिर गुनगुनाते हुए वहां से चली जाती है ।ऐसे ही पूरे एक हफ्ता निकल जाता है लेकिन भौंरा डटा रहता हैं कोशिश में हार नहीं मानता , फिर एक दिन तितली रानी जा ही रहती है की तेजी से उड़ते हुए कोई उसके पास से आगे निकल जाता है , और आवाज आती है अरे तितली रानी पीछे कैसे हो गई आप , तितली यह सुनकर भौचक्की हो जाती है , क्योंकि यह वही भौंरा होता है जो उसे कुछ हफ्ते पहले मिला था ।

तितली रानी जब फूलों का रस लेने पहुंचती है फूलों के पास तब वह भौंरा से पूछती है ये चमत्कार कैसे हुआ तुम अचानक से इतने ऊपर उड़ने कैसे लगे । भौंरा हंसकर जवाब देता है , "मनोबल" से हुआ है ये चमत्कार हमने कोशिश नहीं छोड़ी उड़ने की मन को हारने नहीं दिया और देखो आज हमारा सपना पूरा हो गया ।

" सपने कितने ही बड़े क्यों ना हो अगर मनोबल से काम लिया जाए तो सब आसान है ।"


-tj dhruw