वैकुंठ धाम
🌺। ।।भगवान विष्णु के निवास धाम को वैकुंठ धाम कहते हैं।। 🌺
आइए जानें वैकुण्ठ धाम के बारे में;
वैकुण्ठ का शाब्दिक अर्थ है-जहां कुंठा न हो।कुंठा यानी निष्क्रियता, अकर्मण्यता, निराशा, आलस्य व दरिद्रता।
इसका मतलब यह कि वैकुण्ठ धाम ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता व निष्क्रियता नहीं है।
कहते हैं कि मरने के बाद पुण्य कर्म करने वाले लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं।
हालांकि वेद यह नहीं कहते हैं कि मरने वे बाद लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं। वेदों में मरने के बाद की गतियों के बारे में उल्लेख मिलता है और मोक्ष क्या होता है इस पर ही ज्यादा चर्चा है।
हम आपको पुराणों की धारणा अनुसार बताना चाहेंगे कि वैकुंठ धाम कहां है और वह कैसा है।
⚜️वैकुंठ धाम कहां है?
हिन्दू धर्म के अनुसार कैलाश पर महादेव, ब्रह्मलोक में ब्रह्मदेव बसते हैं।
उसी तरह भगवान विष्णु का निवास वैकुंठ में बताया गया है।
वैकुंठ लोक की स्थिति तीन जगह बताई गई है। धरती पर, समुद्र में और स्वर्ग के ऊपर। वैकुंठ को विष्णुलोक और वैकुंठ सागर भी कहते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के बाद इसे गोलोक भी कहने लगे।
चूंकि श्रीकृष्ण और विष्णु एक ही हैं इसीलिए श्रीकृष्ण के निवास स्थान को भी वैकुंठ कहा जाता है।
🪷पहला वैकुंठ धाम :
धरती पर बद्रीनाथ,
जगन्नाथ और
द्वारिकापुरी को भी वैकुंठ धाम कहा जाता है।
चारों धामों में सर्वश्रेष्ठ हिन्दुओं का सबसे पावन तीर्थ बद्रीनाथ,
नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा, अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नीलकंठ पर्वत श्रृंखला की पृष्ठभूमि पर स्थित है।
भारत के उत्तर में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु का दरबार माना जाता है।
बद्रीनाथ धाम में सनातन धर्म के सर्वश्रेष्ठ आराध्य देव श्री बद्रीनारायण भगवान के ५ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है।
विष्णु के इन ५ रूपों को 'पंच बद्री' के नाम से जाना जाता है।
श्री विशाल बद्री,
श्री योगध्यान बद्री, श्र
ी...
आइए जानें वैकुण्ठ धाम के बारे में;
वैकुण्ठ का शाब्दिक अर्थ है-जहां कुंठा न हो।कुंठा यानी निष्क्रियता, अकर्मण्यता, निराशा, आलस्य व दरिद्रता।
इसका मतलब यह कि वैकुण्ठ धाम ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता व निष्क्रियता नहीं है।
कहते हैं कि मरने के बाद पुण्य कर्म करने वाले लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं।
हालांकि वेद यह नहीं कहते हैं कि मरने वे बाद लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं। वेदों में मरने के बाद की गतियों के बारे में उल्लेख मिलता है और मोक्ष क्या होता है इस पर ही ज्यादा चर्चा है।
हम आपको पुराणों की धारणा अनुसार बताना चाहेंगे कि वैकुंठ धाम कहां है और वह कैसा है।
⚜️वैकुंठ धाम कहां है?
हिन्दू धर्म के अनुसार कैलाश पर महादेव, ब्रह्मलोक में ब्रह्मदेव बसते हैं।
उसी तरह भगवान विष्णु का निवास वैकुंठ में बताया गया है।
वैकुंठ लोक की स्थिति तीन जगह बताई गई है। धरती पर, समुद्र में और स्वर्ग के ऊपर। वैकुंठ को विष्णुलोक और वैकुंठ सागर भी कहते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के बाद इसे गोलोक भी कहने लगे।
चूंकि श्रीकृष्ण और विष्णु एक ही हैं इसीलिए श्रीकृष्ण के निवास स्थान को भी वैकुंठ कहा जाता है।
🪷पहला वैकुंठ धाम :
धरती पर बद्रीनाथ,
जगन्नाथ और
द्वारिकापुरी को भी वैकुंठ धाम कहा जाता है।
चारों धामों में सर्वश्रेष्ठ हिन्दुओं का सबसे पावन तीर्थ बद्रीनाथ,
नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा, अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नीलकंठ पर्वत श्रृंखला की पृष्ठभूमि पर स्थित है।
भारत के उत्तर में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु का दरबार माना जाता है।
बद्रीनाथ धाम में सनातन धर्म के सर्वश्रेष्ठ आराध्य देव श्री बद्रीनारायण भगवान के ५ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है।
विष्णु के इन ५ रूपों को 'पंच बद्री' के नाम से जाना जाता है।
श्री विशाल बद्री,
श्री योगध्यान बद्री, श्र
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