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झलक - 1
guys Meri pehli story he, kaafi jyada pyari aur pyaar se bhari hui hone wali he to ek like zaruri drop karna.

विशू ! विशू !

"विशू बेटा जल्दी तय्यार हो जा, आमीर बाहर खड़ा है,कब से आवाज़ लगा रहा है"

विश्वास की मम्मी उसके कमरे के बाहर से उसे आवाज़ लगाती हुए। अक्सर माओं की बात सुनते कहा है बच्चे, और यही हाल विश्वास मिया का भी था। यह तो बल्कि सामने से सुन कर नज़र अंदाज़ कर देते थे।बस इसी की वजह से मा बेटे के बीच नोक झोंक और तुतु मेमे होती रहती थी। वहीं प्यारी सी मा बेटे की खिचातानी। विश्वास अपने घर के इकलौते लाड़ साहब थे तो ज़ाहिर सी बात है मां के चहेते भी थे। यही प्यार दुलार की वजह से थोड़ा सा बिगड़ गया था। पर अपनी मा से बेहद प्यार करता था । वो होते है ना बाहर से कभी नहीं दिखाते पर भीतर हृदय में जैसे प्रेम का सागर हो, बस कुछ उसी प्रकार का स्वभाव था।

हा जी तो मा की प्यार भारी आवाज़ लगाने से लेकर फटकार तक का इंतजार करते हुए boxers और T-shirt में टशन में बाहर आते हुए विश्वास बोला -
"जा ही रहा हूं में मां,क्यों जान खा रही हो।वैसे भी उस आमीर के बच्चे को कौन सा दुनिया निगल रही है,खड़ा रहने दो पांच दस मिनट बाहर। वैसे भी घूमने जाने का ही बोलेगा वो,और काम...