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नृत्य: मेरे प्रेम और भक्ति की परिभाषा"
मुझे नृत्य से उतना ही प्रेम है जितना महादेव से, यानी अनंत। मैं हर दिन नटराज का नाम लेकर नृत्य करती हूं। नृत्य करना मेरे लिए एक तपस्या की तरह है। जिस प्रकार भक्ति में समाधि में बैठकर ईश्वर का ध्यान करते हैं, उसी प्रकार नृत्य करके...