...

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अनकहे लब्ज
आई थी मेरी जिंदगी कल मौत का पैगाम लेकर
चली गयी उदास होकर,मेरी जाँ का नाम देकर
कुछ अनकहे से शब्द,कह रही थी उसकी खमोसी
मेरी आंखॆ,पढ रही थी उसकी खामोसी
मेरी जाँ ने मोत को मोत से ही मात दी
हर कदम कदम पर मेरे वो साथ दी
अब पता नही है क्या हुआ, अब मै वो नही जो था,या वो वो नही जो वो थी
जिंदगी के कुछ अनकहे से पहलु