अतरंगी चुड़ैल भाग -3
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वह लड़की अब भी सिसके जा रही थी। प्रणव उसे सांत्वना देने के बहाने उसकी नंगी पीठ पर अपनी उंगलियां फेर रहा था। फिर प्रणव ने अपने होठों को उसके कान के पास ले आया, जैसे अपने होठों से उसके कान को छू लेगा। फिर उसने धीरे से उसके कान में कहा, “चुप हो जाओ। बताओ, क्या हुआ है।”
इतना सुनते...
वह लड़की अब भी सिसके जा रही थी। प्रणव उसे सांत्वना देने के बहाने उसकी नंगी पीठ पर अपनी उंगलियां फेर रहा था। फिर प्रणव ने अपने होठों को उसके कान के पास ले आया, जैसे अपने होठों से उसके कान को छू लेगा। फिर उसने धीरे से उसके कान में कहा, “चुप हो जाओ। बताओ, क्या हुआ है।”
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