Janmastami 2024
गुरूजी ने कहा,
भजन और नाम जाप गोपनीय होनी चहिए,
नही तो नजर लग जाती है ...
(Me to Krishn...
Gaya... me toh dhindora peet peet kar bhi karti hun chupchap bhi... abb najar toh kab lag chuki hogi...
Chalo koi nehi...
Abb se sabdhan rahungi..)
वे नंद को लालो जिसे कृष्ण
कहते हैं,
बड़ा नटखट है ...
शिकायत किसने करे।।
बस लिख रही थी जब तक,
तब तक तो ठिक थी,
अब जो कहा उस से चलो अब ये प्रेम की रिवाज,
करूंगी मैं चुप चुप के ही...
सरे आम सबके मेनू
नचाया वो पागल,
श्री कृष्ण गोविंद मंत्र गवाया,
सजाके अपनी महफील।।
हमने तो यह भी ठाना था कल,
नहीं गायेंगे अब नाम कृष्ण की,
किशोरी जी की शरण मिल जाए बस ।।
सुबह सुबह आज राधे नाम की जाप की,
Social media se सोची रिश्ता तोड़ दूं सभी... ।।
दोपहर होते होते,
कृष्ण की नारा लेते लेते,
आए पहुंचे Iskon मंडली,
हरे कृष्ण की जाप जो सुरू की,
अश्रुकी धार छुटने लगी।।
बोला कृष्ण चुपकेसे,
क्यूं रो रहि है बाबरी,
अभी तो हस खेल रहि थी,
अभी क्यों मूझसे मिलके रो रहि।।
सोचेंगे सभी मूझसे
तुझको कोई परेशानी है,
ये पल तो जीने के लिऐ,
अति सुन्दर पल है ।।
आजा संग मेरे, नाचे और गाएं हम,
हरी नाम कीर्तन से, गूंजे गगन और पवन ...
हो कर मगन मन कृष्ण के संग संग,
राधा रानी को पुकारे सभी,
करने लगे कीर्तन ।।
© श्यामा_Kripaki_Pyasi
भजन और नाम जाप गोपनीय होनी चहिए,
नही तो नजर लग जाती है ...
(Me to Krishn...
Gaya... me toh dhindora peet peet kar bhi karti hun chupchap bhi... abb najar toh kab lag chuki hogi...
Chalo koi nehi...
Abb se sabdhan rahungi..)
वे नंद को लालो जिसे कृष्ण
कहते हैं,
बड़ा नटखट है ...
शिकायत किसने करे।।
बस लिख रही थी जब तक,
तब तक तो ठिक थी,
अब जो कहा उस से चलो अब ये प्रेम की रिवाज,
करूंगी मैं चुप चुप के ही...
सरे आम सबके मेनू
नचाया वो पागल,
श्री कृष्ण गोविंद मंत्र गवाया,
सजाके अपनी महफील।।
हमने तो यह भी ठाना था कल,
नहीं गायेंगे अब नाम कृष्ण की,
किशोरी जी की शरण मिल जाए बस ।।
सुबह सुबह आज राधे नाम की जाप की,
Social media se सोची रिश्ता तोड़ दूं सभी... ।।
दोपहर होते होते,
कृष्ण की नारा लेते लेते,
आए पहुंचे Iskon मंडली,
हरे कृष्ण की जाप जो सुरू की,
अश्रुकी धार छुटने लगी।।
बोला कृष्ण चुपकेसे,
क्यूं रो रहि है बाबरी,
अभी तो हस खेल रहि थी,
अभी क्यों मूझसे मिलके रो रहि।।
सोचेंगे सभी मूझसे
तुझको कोई परेशानी है,
ये पल तो जीने के लिऐ,
अति सुन्दर पल है ।।
आजा संग मेरे, नाचे और गाएं हम,
हरी नाम कीर्तन से, गूंजे गगन और पवन ...
हो कर मगन मन कृष्ण के संग संग,
राधा रानी को पुकारे सभी,
करने लगे कीर्तन ।।
© श्यामा_Kripaki_Pyasi