मुनिया
बस स्टेशन के पास रोज एक छोटी बच्ची फूलों की माला लिए आती थी रोज इसी उम्मीद से की आज तो इस माला के अच्छे दाम मिल जायेंगे ।
बड़ी ही प्यारी बच्ची है वह , छोटी है लेकिन बहुत समझदार मालूम पड़ती है , मुश्किल से दस साल की ही होगी । एक बार मुझे कुछ फूलों की माला चाहिए थी ऑफिस में कुछ फंक्शन था तो उसी के लिए , तब पहली बार मैं उस नन्ही सी बच्ची के पास गया था माला खरीदने तब मैने उस बच्ची का नाम पूछा था बेटा आपका नाम क्या है , तो उस बच्ची ने एक प्यारी सी मुस्कान के साथ अपना नाम बताया मुनिया , बहुत प्यारा नाम है बेटा किसने रखा है ,मुनिया- मेरे बाबा और मां ने।
उस वक्त मैं थोड़ी जल्दी में था उस दिन मेरे दोस्त भी साथ में...
बड़ी ही प्यारी बच्ची है वह , छोटी है लेकिन बहुत समझदार मालूम पड़ती है , मुश्किल से दस साल की ही होगी । एक बार मुझे कुछ फूलों की माला चाहिए थी ऑफिस में कुछ फंक्शन था तो उसी के लिए , तब पहली बार मैं उस नन्ही सी बच्ची के पास गया था माला खरीदने तब मैने उस बच्ची का नाम पूछा था बेटा आपका नाम क्या है , तो उस बच्ची ने एक प्यारी सी मुस्कान के साथ अपना नाम बताया मुनिया , बहुत प्यारा नाम है बेटा किसने रखा है ,मुनिया- मेरे बाबा और मां ने।
उस वक्त मैं थोड़ी जल्दी में था उस दिन मेरे दोस्त भी साथ में...