शीर्षक- माता-पिता
हाथों की लकीरों मे क्यूँ तलाशु मैं किस्मत अपनी
मेरी किस्मत हैं माता- पिता मेरे ।
जीवन को समझना सीखा जिनसे, हर कदम पर मेरे साथ खड़े।
धरती सा धीरज है जिनमें, नभ से ऊँची ,ऊँचाई हैं।
मैंने मेरे पिता में देखी, सच्चाई ,ईमानदारी की गहराई हैं।
जीवन के सच्चे पथ- प्रदर्शक, मेरे ईश्वर पिता मेरे।
माँ ने बनाया घर को घर हैं, घर का सहारा पिता मेरे।
माँ मेरी ममता की जननी,स्नेह का सागर पिता मेरे।
माँ मेरी आँखो कि रोशनी, आँखो का तारा पिता मेरे।
माँ मेरी श्रष्टि, शक्ति हैं, श्रष्टि मैं निर्माण की अभिव्यक्ति पिता मेरे।
मेरा साहस, मेरी ताकत, मेरा गौरव पिता मेरे।
जिनसे मैने जीवन पाया, मेरा अस्तित्व माता- पिता मेरे।
🥰🥰मुझे मातारानी ने मेरे माता- पिता के रूप मे स्वयं का साक्षात रूप प्रदान किया है जो हर मुसीबत से मुझे सुरक्षित रखते है,मुझे गर्व है कि मैं आपकी बेटी हूँ। 🥰🥰
✍रिया दुबे ✍
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