बदल बदल सा गया
देखो आज उस वक़्त को याद करती हूं...
जब मैं बहुत मासूम थी...
और तुम ये कहा करते थे...
की तुम बहुत मासूम हो...
तुम मुझसे ये भी कहते थे,की किसी पर आसानी से विश्वास मत किया करो।
शायद तुम्हारी इन्हीं बातों ने मुझे मजबूर कर दिया,की मैं तुम पर बहुत सारा विश्वास कर लूं।
मगर मुझे क्या पता...
जब मैं बहुत मासूम थी...
और तुम ये कहा करते थे...
की तुम बहुत मासूम हो...
तुम मुझसे ये भी कहते थे,की किसी पर आसानी से विश्वास मत किया करो।
शायद तुम्हारी इन्हीं बातों ने मुझे मजबूर कर दिया,की मैं तुम पर बहुत सारा विश्वास कर लूं।
मगर मुझे क्या पता...