सिल्क हाउस –2
आज लगता है सूरज उल्टी दिशा से उघा है, रोशनी ने अपनी आंखे खोलते हुए कहा। यह सुनते ही मानो दिव्या की खुशी का तो कोई ठिकाना ना हो उसने रोशनी को कस के गले लगा लिया ।
सभ ठीक तो है न दिव्या रोशनी ने दिव्या की पीठ सहलाते हुए पूछा।
हां बस एक बुरा सपना देख लिया था , दिव्या ने अपने आंसू पोछते हुए कहा और हा आज मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी पार्टी मैं ।
यह सुनकर रोशनी फट से खड़ी हो गई , वाह! आज तो कमाल हो गया तू रुक मैं अभी तयार होकर आती हु मेरे दूर के मामा जी का लड़का आ रहा है हमे लेने, यह कहकर दिव्या नहाने चली गई और दिव्या शीशे के सामने अपने बाल संवारने लग गई और याद करने लगी की कैसे आज के ही दिन उसने रोशनी से लड़ाई कर ली थी और वो गुस्से में घर छोड़ कर चली गई थी और फिर कभी वापस नहीं आई।
वह ये सब सोच ही रही थी की तभी उसकी नज़र एक काले साए पर पड़ी जो ठीक उसके पीछे खड़ा था वो याद करने लगी की कैसे ये साया हमेशा से रोशनी के आस पास रहता पर इसे सिर्फ वही देख सकती है। पर वो हमेशा ऐसा दिखावा करती हे की सभ कुछ ठीक है।
वोह काला साया कुछ समय तक दिव्या को घूरता रहा और फिर दबी हुई आज मैं बोला, अगर रोशनी को बचाना चाहती हो तो उसको घाटी के नीचे बने सिल्क हाउस से दूर रखना।
इतने मैं रोशनी बाहर आ गई और अपना और दिव्या का समान बांधने लगी अभी वो बाते कर ही रही थी की तभी गाड़ी की हॉर्न की आवाज आई और वो दोनो नीचे चली गई ।
रोशनी ने अपने भाई को भाग कर जाके गले से लगा लिया।
भाई यह मेरी सबसे अच्छी सहेली है दिव्या और दिव्या यह मेरा भाई है आर्यन।
दबी सी आवाज मैं हेलो कहकर दिव्या गाड़ी मैं पीछे वाली सीट पर बैठ गई। पर आर्यन बार बार शीशे मैं दिव्या को ही देखे जा रहा था और यह बात दिव्या ने भी देख ली थी। लंबे सफर के बाद वो रिसॉर्ट मैं पहुंच ही गए शाम हो गई थी रोशनी कार से निकलते ही रिसॉर्ट देखने के लिए भाग गई और आर्यन और दिव्या सामान निकाल रहे थे ।
बहुत सुना था रोशनी से आपके बारे मैं आज जाके मिले हैं वैसे उसने तो बताया था की तुम्हे ऐसे पार्टीज पसंद नही है तो आज कैसे?? आर्यन ने हस्ते हुए पूछा।
दिव्या ने मुस्कुराकर कहा , मुझे लगा जिंदगी मैं कुछ नया करना चाहिए पर लगता है मेरा यहां आना आपको पसंद नही आया।
अरे नही आप तो बुरा मान गई ऐसी कोई बात नही है , आर्यन ने कहा।
दिव्या जैसे ही समान लेकर मुड़ी तो वो काला साया एक दम से उसके सामने आ गया। उसने ऐसा दिखाया जैसे सभ ठीक है पर उसके हाथ डर के कारण कांप रहे थे।
तुम्हारे हाथ क्यों कांप रहे है जैसे कोई भूत देख लिया हो, आर्यन ने पूछा।
दिव्या ने पसीना पोंछ ते हुए कहा , वो सुबह से कुछ खाया नही ना इसलिए शुगर लेवल कम होगया होगा।
तभी रोशनी एकदम से पीछे से आकर बोली, क्या बाते चल रही है??
कुछ नही तुम्हारी दोस्त का शुगर लेवल कम होगया है चलो कुछ खा लेते है पहले।
रोशनी ने जल्दी से दिव्या से समान पकड़ लिया और बोली, सॉरी यार खुशी खुशी मैं भूल ही गई चल चलके कुछ खाते है।
इतना कहकर वह सभ अंदर चले गए और वो काला साया भी उनके पीछे पीछे चला गया।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे "सिल्क हाउस"।
© khushpreet kaur
सभ ठीक तो है न दिव्या रोशनी ने दिव्या की पीठ सहलाते हुए पूछा।
हां बस एक बुरा सपना देख लिया था , दिव्या ने अपने आंसू पोछते हुए कहा और हा आज मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी पार्टी मैं ।
यह सुनकर रोशनी फट से खड़ी हो गई , वाह! आज तो कमाल हो गया तू रुक मैं अभी तयार होकर आती हु मेरे दूर के मामा जी का लड़का आ रहा है हमे लेने, यह कहकर दिव्या नहाने चली गई और दिव्या शीशे के सामने अपने बाल संवारने लग गई और याद करने लगी की कैसे आज के ही दिन उसने रोशनी से लड़ाई कर ली थी और वो गुस्से में घर छोड़ कर चली गई थी और फिर कभी वापस नहीं आई।
वह ये सब सोच ही रही थी की तभी उसकी नज़र एक काले साए पर पड़ी जो ठीक उसके पीछे खड़ा था वो याद करने लगी की कैसे ये साया हमेशा से रोशनी के आस पास रहता पर इसे सिर्फ वही देख सकती है। पर वो हमेशा ऐसा दिखावा करती हे की सभ कुछ ठीक है।
वोह काला साया कुछ समय तक दिव्या को घूरता रहा और फिर दबी हुई आज मैं बोला, अगर रोशनी को बचाना चाहती हो तो उसको घाटी के नीचे बने सिल्क हाउस से दूर रखना।
इतने मैं रोशनी बाहर आ गई और अपना और दिव्या का समान बांधने लगी अभी वो बाते कर ही रही थी की तभी गाड़ी की हॉर्न की आवाज आई और वो दोनो नीचे चली गई ।
रोशनी ने अपने भाई को भाग कर जाके गले से लगा लिया।
भाई यह मेरी सबसे अच्छी सहेली है दिव्या और दिव्या यह मेरा भाई है आर्यन।
दबी सी आवाज मैं हेलो कहकर दिव्या गाड़ी मैं पीछे वाली सीट पर बैठ गई। पर आर्यन बार बार शीशे मैं दिव्या को ही देखे जा रहा था और यह बात दिव्या ने भी देख ली थी। लंबे सफर के बाद वो रिसॉर्ट मैं पहुंच ही गए शाम हो गई थी रोशनी कार से निकलते ही रिसॉर्ट देखने के लिए भाग गई और आर्यन और दिव्या सामान निकाल रहे थे ।
बहुत सुना था रोशनी से आपके बारे मैं आज जाके मिले हैं वैसे उसने तो बताया था की तुम्हे ऐसे पार्टीज पसंद नही है तो आज कैसे?? आर्यन ने हस्ते हुए पूछा।
दिव्या ने मुस्कुराकर कहा , मुझे लगा जिंदगी मैं कुछ नया करना चाहिए पर लगता है मेरा यहां आना आपको पसंद नही आया।
अरे नही आप तो बुरा मान गई ऐसी कोई बात नही है , आर्यन ने कहा।
दिव्या जैसे ही समान लेकर मुड़ी तो वो काला साया एक दम से उसके सामने आ गया। उसने ऐसा दिखाया जैसे सभ ठीक है पर उसके हाथ डर के कारण कांप रहे थे।
तुम्हारे हाथ क्यों कांप रहे है जैसे कोई भूत देख लिया हो, आर्यन ने पूछा।
दिव्या ने पसीना पोंछ ते हुए कहा , वो सुबह से कुछ खाया नही ना इसलिए शुगर लेवल कम होगया होगा।
तभी रोशनी एकदम से पीछे से आकर बोली, क्या बाते चल रही है??
कुछ नही तुम्हारी दोस्त का शुगर लेवल कम होगया है चलो कुछ खा लेते है पहले।
रोशनी ने जल्दी से दिव्या से समान पकड़ लिया और बोली, सॉरी यार खुशी खुशी मैं भूल ही गई चल चलके कुछ खाते है।
इतना कहकर वह सभ अंदर चले गए और वो काला साया भी उनके पीछे पीछे चला गया।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे "सिल्क हाउस"।
© khushpreet kaur