ये उन दिनों कि बात है
किसी ने पूछा मुझसे तू क्यों मरती है उसके लिए इतना?
हां मुझे पता है मैं बहुत मरती हूं उसके लिए और मरू भी क्यों ना तुम्हें पता है भी है वह कैसा है क्या कुछ नहीं करता मेरे लिए इतनी इज्जत करता है वो मेरी, इतना सम्मान देता है मुझे, इतना ख्याल रखता है मेरी छोटी से छोटी चीज का, कितनी बार मैं गलत होती हूं वो सही होता है लेकिन फिर भी वो झुक जाता है, क्योंकि वो मुझे...
हां मुझे पता है मैं बहुत मरती हूं उसके लिए और मरू भी क्यों ना तुम्हें पता है भी है वह कैसा है क्या कुछ नहीं करता मेरे लिए इतनी इज्जत करता है वो मेरी, इतना सम्मान देता है मुझे, इतना ख्याल रखता है मेरी छोटी से छोटी चीज का, कितनी बार मैं गलत होती हूं वो सही होता है लेकिन फिर भी वो झुक जाता है, क्योंकि वो मुझे...