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देश के लिए दिवानगी
पार्ट 1

समर की दिवानगी आर्मी मे जाने के लिए इतनी थी की भूख प्यास का भी नहीं होता था

समर ने ये बात घर मे कहीं की मैं सेना मे जाना चाहता हूं
उनके परिवार मे पहले कोई आर्मी मे नही गया था इसलिए उन्हें पता नहीं था प्रोसेस क्या है

समर ने अपने दोस्त नीलेश को बात बायी और पूछा क्या तुम मेरी मदद कर सकते हैं ?

नीलेश कुछ देर सोचकर
हाँ हाँ मेरे अंकल आर्मी मे है उनसे बात करके पूछता हूं प्रोसेस क्या है ?

प्लीज यार थोड़ा जल्दी पूछना देश के लिए लड़ना मेरा सपना है
हाँ हाँ मैं समझ गया

नीलेश ने अपने अंकल से पूछा की उसका दोस्त आर्मी मे जाना चाहता है प्रोसेस क्या है
पहले तो हाइट देखनी पड़ेगी, फिर सीना ना ज्यादा अंदर ना ज्यादा बाहर, बॉडी भी होनी चाहिए, और कम समय मे दौड़ सके

नीलेश ने मिलकर ये बात समर को कहीं
ये सुनते ही समर दुःखी हो गया

क्या हो गया तुझे ?
सब ठीक है पर मेरे बॉडी नहीं है यार
तू चिंता मत कर तेरे बॉडी मैं बनवाऊंगा

अगले दिन से नीलेश समर को दौड़ाने लगा
समर 10 मिनट मे थक जाता

नीलेश ने कहा बस ये याद रखना तुझे आर्मी मे जाना है उसमे छोटी छोटी प्रॉब्लम इग्नोर करनी पड़ती है

अब समर को हिम्मत आयी
समर रोज दौड़ता फिर सिक्स की प्रैक्टिस भी कराता यानी नीलेश समर को पैर भी मजबूत बनाने मे मदद कर रहा था और बॉडी आए ऐसी मेहनत कराता

15 मिनट बाद समर की बॉडी आनी शुरू हो गयी
पर नीलेश अब भी प्रैक्टिस कराता रहा क्योंकि
समर को बिल्कुल परफेक्ट बनाना था

एक महीने मे समर परफेक्ट हो गया
अभी आर्मी मे जाने का सोचा था

की समर की जिंदगी मे एक लड़की आयी
एक दिन समर जब बुलेट चला रहा था

देखा एक लड़की रास्ते मे अकेली खड़ी है अपनी स्कूटी के साथ

क्या हुआ आप कौन है यहां क्यों रास्ते मे खड़ी है आप?
मेरा नाम शिवानी है मेरी स्कूटी खराब हो गई इसलिए खड़ी थी की कोई तो निकलेंगे जो स्कूटी सही कर सके

समर ने कुछ देर ध्यान से स्कूटी को देखा
फिर स्कूटी को सही करने लगा यद्यपि समर ने कभी
गाड़ी की रिपेयरिंग नहीं की थी

पर समर ने कोशिश शुरू की
कुछ देर बाद स्कूटी सही हो गई

थैंक्स आपका बहुत बहुत
इसमे थैंक्स की क्या बात है ?

शिवानी ने स्कूटी स्टार्ट की मुस्कुराते हुए निकल गयी
समर ने बुलेट चालू की और घर आ गया


अगले भाग मे समर का आर्मी टेस्ट


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