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मानो या ना मानो
आज मैं आप लोगों को एक कहानी सुनाने जा रही हूं यह कहानी हमें दादा जी ने सुनाई थी पहले मेरे दादाजी एसएसबी में हुआ करते थे दिल्ली मैं और दिल्ली से मनाली की ओर छुट्टियों में आ रहे थे मगर रास्ता खराब होने की वजह से वह मनाली नहीं पहुंच पाए उस वक्त बरसात का मौसम था दादाजी और उसके दोस्त किसी रिश्तेदार के वहां ठहरे थे मगर किसी कारणवश दादा जी रात भर सो नहीं पाए उनके दोस्त पलंग पर सोए थे दादाजी ने चटाई नीचे ही बिछा के रखी थी रात भर एक आवाज दादा जी को तंग किया जा रही था कोई आता रात भर वहां चलने की आवाज आ रही थी वहां कोई आता जहां दादाजी और उनके दोस्त सोए थे बक्से पर से कुछ सामान रखा था वह देखता और चले जाता ही सिलसिला लगातार रात भर चल रहा था जिस कारण दादाजी को रात भर नींद नहीं आ रही थी दादाजी को उसके घर की सच्चाई का पता नहीं था तथा उसे सुबह उठकर अपने दोस्त से इस बारे में बात की तब उसे दोस्त ने बताया उनके रिश्तेदार की एक लड़की (TB)कारण मरी थी तथा उस बक्से में उसका सामान रखा हुआ था जेसे एक्सरे रिपोर्ट दवाइयां कपड़े अब तो टीवी का इलाज संभव है उस वक्त टीवी से अनेक लोगों की मौत हुआ करती थी यह सब सुनकर दादा जी डर गए क्या पता उसकी कुछ इच्छा अधूरी रह गई हो उसके बाद दादाजी उस घर में कभी नही गए आप इस घटना के बारे में क्या सोचते हो अपनी राय कमेंट बॉक्स में दो